प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. पूर्व नौकरशाहों ने सीएम योगी को पत्र लिखकर लव जेहाद क़ानून को वापस लेने की मांग की है. 104 पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि यह क़ानून अवैध है. इसकी वजह से उत्तर प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब को चोट पहुँची है और समाज में साम्प्रदायिकता का ज़हर बढ़ा है.
पूर्व नौकरशाहों ने योगी को लिखी अपनी खुली चिट्ठी में कहा है कि धर्मांतरण क़ानून का दुरूपयोग किया जा रहा है. लव जेहाद क़ानून की वजह से जिन लोगों को प्रताड़ना सहन करनी पड़ी है उन्हें सरकार को मुआवजा देना चाहिए.
पूर्व नौकरशाहों ने मुरादाबाद प्रकरण का ज़िक्र करते हुए कहा है कि पिंकी और राशिद ने अपनी मर्जी से शादी की थी लेकिन जब वह शादी का रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे थे तब बजरंग दल के लोगों ने उन्हें रोककर पीटा. पुलिस ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं को तो कुछ नहीं किया लेकिन राशिद और उसके भाई को जेल भेज दिया और पिंकी के बच्चे की पेट में ही मौत हो गई. पिंकी ने अदालत में बयान दिया तब उन्हें जेल से छोड़ा गया.
नौकरशाहों ने सवाल उठाया कि पिंकी और राशिद ने जब शादी की थी तब इस क़ानून को बनाया ही नहीं गया था तो फिर पिंकी और राशिद के खिलाफ कार्रवाई कैसे हो सकती है. यह आज़ाद देश में रहने वालों की आज़ादी का हनन का मामला है. कंस्टीच्यूशनल कंडक्ट नामक संगठन से जुड़े इन अफसरों में कई नामचीन अफसर जुड़े हैं। इन्हीं अफसरों के संगठन के एक दूसरे समूह ने दिल्ली के लुटियन जोन में प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का विरोध किया था।
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नौकरशाहों ने कहा है कि जब हाईकोर्ट भी कई बार यह बात कह चुका है कि दो बालिग़ लोगों को अपनी मर्जी से साथ रहने और जीवन साथी चुनने का हक़ है तो फिर यह नया क़ानून अदालत से मिली इस आज़ादी का हनन नहीं है क्या. इस कानू की वजह से पुलिस भी तानाशाह की भूमिका में आ रही है.