जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली के जंतर-मंतर इलाके में मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत पांच लोग गिरफ्तार कर लिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी आज यानी मंगलवार सुबह दी। पुलिस ने इसके अलावा दीपक सिंह हिंदू को भी हिरासत में लिया, जो हिंदू फोर्स नामक संगठन का मुखिया होने का दावा करता है।
सोमवार की रात में उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर स्थित घर से दिल्ली पुलिस ने उसे पकड़ा। क्राइम ब्रांच के इंटर स्टेट सेल की टीम को इन लोगों को धरने के लिए छापेमारी के लिए लगाया था।
इस मामले में एक वरिष्ठï पुलिस अफसर ने कहा कि दीपक के घर के बाहर एक टीम तैनात की गई थी और उसे देर रात 12.40 उठाया गया। वह तब बाहर से घर आ रहा था। पुलिस फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है।
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वहीं इस मामले में एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अफसर ने कहा, “31 जुलाई को दीपक ने पूर्वी दिल्ली के पटपडग़ंज इलाके में एक मजार पर कुछ लोगों को हनुमान चालीसा के पाठ के लिए बुलाया था।”
दरअसल, सोशल मीडिया पर जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी से जुड़ा वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें मुसलमानों को नुकसान पहुंचाए जाने की बात कही गई थी।
सोमवार को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था। मालूम हो कि बीते रविवार को “भारत जोड़ो आंदोलन” की ओर से आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। वहीं पर यह नारेबाजी की गई थी।
वहीं इस आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था, लेकिन मुसलमान विरोधी नारेबाजी करने वालों से उन्होंने किसी तरह के संबंध से इन्कार किया है।
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बकौल शिप्रा, “यह प्रदर्शन औपनिवेशिक कानूनों के खिलाफ हुआ था और इस दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई। हमने वीडियो देखा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन थे। पुलिस को नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में किसी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। ्र
उन्होंने कहा, ” मैंने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की जांच के लिये दिल्ली पुलिस को एक शिकायत दी है। अगर वीडियो प्रमाणिक है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
उपाध्याय ने यह भी कहा, “मुझे कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन हैं। मैंने उन्हें पहले कभी नहीं देखा, कभी उनसे मिला नहीं हूं और न ही उन्हें वहां बुलाया था। जब तक मैं वहां था, वे वहां नहीं दिखे। अगर वीडियो फर्जी है, तो भारत जोड़ो आंदोलन को बदनाम करने के लिये झूठा प्रचार किया जा रहा है।”
उधर, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कथित मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के मामले में बीते सोमवार को पुलिस को नोटिस जारी कर कहा कि इस घटना को लेकर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद के निर्देश पर इस संस्था ने नयी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी किया और कहा कि वह मंगलवार को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर इस मामले का ब्योरा और की गई कार्रवाई की जानकारी दें।