डा. रवीन्द्र अरजरिया
देश के लोकसभा चुनावों पर पूरी दुनिया की नजर है। अनेक देश तो इन चुनावों को प्रभावित करने के लिए अपने स्तर पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष दखलनदाजी भी करने लगे हैं।
पाकिस्तान ने तो खुलकर कांग्रेस के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है। इमरान सरकार में केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय सम्हालने वाले पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए उनके वीडियो को री-शेयर करते हुए राहुल आन फायर तक लिखा है।
श्री चौधरी ने मोदी की आलोचना करते हुए एक चैनल पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रोकने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि जो भी कोई अतिवादियों के खिलाफ बात करेगा, उसे मेरा समर्थन है। मुझे लगता है कि राहुल गांधी ने भारत के मौजूदा हाल की तस्वीर को सही तरीके से सामने रखा है।
कांग्रेस के पैत्रिक नेता राहुल गांधी के सम्मान में पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने जमकर कसीदे पढे। देश के लोकसभा चुनावों के दौरान पाकिस्तान से आने वाले बयानों, फरमानों और जुमलों ने जिस तरह से राहुल गांधी को समर्थन देकर प्रधानमंत्री की कुर्सी दिलाने हेतु पहल की है उससे कहीं न कहीं कांग्रेस का पाक प्रेम ही उजागर होता है।
चौराहों से लेकर चौपालों तक इस मुद्दे को चर्चा का विषय बनाया जा रहा है।
लोगों को कश्मीर के वे दिन याद आने लगे हैं जब हमारी सेना के जवानों को वहां के पाकपरस्त लोगों की जमात सरेआम थप्पड, घूंसे और डंडों से मारा करती थी, जान बचाने के लिए एक आंतकी को जीप में बांध कर निकलने पर फौज के अधिकारी को दण्ड दिया गया था, पत्थरबाजों से लेकर आतंकवादियों तक को सेनानी घोषित किया जाता था। तब के वाक्यरहित मुखिया की सरकार अपने आका के रिमोड के बिना हिल भी नहीं पाती थी।
हथियारबंद सेना के जवान कश्मीर में फैले आतंकियों से मार खाते थे, उनके हाथ सरकार ने बांध दिये थे और होते थे आतंकवादियों के हमलों में शहीद। नये भारत की बदलती तस्वीर से केवल पाकिस्तान ही नहीं बौखलाया है बल्कि चीन भी भारत के लोकसभा चुनावों पर अपने सरकारी मीडिया यानी ग्लोबल टाइम्स व्दारा प्रधानमंत्री मोदी, देश की नीतियों और कार्यप्रणाली पर खासा प्रहार कर रहा है।
चीन के इशारे पर नेपाल ने गत शुक्रवार को अपने सौ रुपये के नये नोट पर भारत के क्षेत्र को अपना क्षेत्र दिखाया कर छापने की घोषणा की है।
वहां के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में सौ रुपये के नये नोट पर नेपाल के संशोधित मानचित्र को छापने का निर्णय लिया गया है।
इस नोट पर छपने वाले नेपाली मानचित्र में भारत के लिपूलेख, लिंपियाधुरी तथा कालापानी को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नेपाल से भारत के पांच राज्यों की 1850 किलोमीटर की सीमा लगी है।
इन सीमावर्ती सिक्किम, पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड राज्यों के रास्ते चीन की शह पर खुलेआम तस्करी होती है, अपराधियों की आमद दर्ज होती है और होती है विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ। चीन ने मालदीप के रास्ते से भारत पर अप्रत्यक्ष हमला करना शुरू कर दिया है जिसे चुनावी काल में बयानों की लपटों से तेज किया जा रहा है।
इसी चुनावी दौर में ही चीन के साथ गलबहियां करने वाले कनाडा ने भी अपनी धरती से खालिस्तान की मुहिम चलाने वाले कुख्यात आंतकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में तीन भारतीयों को गिरफ्तार किया है।
अल्बर्टा के एडमान्टन में रहने वाले 22 वर्षीय करण बरार, 28 वर्षीय करण प्रीत सिंह तथा 22 वर्षीय कमल प्रीत सिंह को गिरफ्तार करने के बाद वहां के असिस्टेन्ट कमिश्नर डेविड टेबोल ने कहा है कि गिरफ्तार किये गये लोगों के भारत सरकार के साथ संबंधों की बारीकी से जांच की जायेगी।
कनाडा की धरती से खालिस्तान के आतंकी अपनी गतिविधियों के निर्विघ्न रूप से निरंतर संचालित कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चंदा जुटाने वाले एक कार्यक्रम में भारत को अप्रवासियों से घृणा करने वाला देश निरूपित कर दिया है।
उन्होंने जेनोफोबिक की संज्ञा से संबोधित करते हुए भारत की निंदा करते हुए स्वयं को प्रवासियों का रहनुमा घोषित कर दिया है।
वहीं अमेरिका सरकार के इशारे पर वहां की मीडिया ने दुनिया भर में भारत के जासूस फैले होने की खबरें प्रकाशित करना शुरू की हैं। इस रिमोड मीडिया ने पन्नू की हत्या से लेकर पाकिस्तान में मारे जा रहे आतंकवादियों तक में भारत की खुफिया एजेन्सी की भूमिका प्रकाशित की है।
इन प्रकाशनों में साक्ष्य के रूप में केवल शब्द जाल, संभावनायें और अटकलों की ही भरमार है। इन्हीं रिपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बिलूच ने विश्व समुदाय के सामने भारत पर मनगढन्त आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
इसी दौर में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भी अमेरिका सहित अनेक देशों ने प्रधानमंत्री मोदी के विरुध्द मोर्चा खोल दिया था।
कांग्रेस के खातों पर होने वाली कानूनी कार्यवाही पर भी दुनिया के अनेक देशों ने आंसू बहाये थे।
वाशिंगटन में रहने वाले बंगलादेशी नागरिक मुश्फिकुल फजल अंसारे से अमेरिका के विदेश विभाग तथा यूएन की प्रेस ब्रीफिंग में अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठवाया गया था। इस बंगलादेशी नागरिक पर एक एनजीओ की आड में कुछ खास कृत्यों को अंजाम देने के भी आरोप लगते रहे हैं।
अपने अमेरिका प्रवास के दौरान राहुल गांधी ने तो श्री अंसारे से खासतौर पर मुलाकात भी की थी। इस बंगलादेशी नागरिक पर हमेशा से ही भारत विरोधी षडयंत्र करने, अफवाहों के लिए धरातल तैयार करने तथा व्यक्तिगत लाभ कमाने के आरोप लगते रहे हैं।
अपुष्ट सूत्रों की मानें तो श्री अंसारे बंगलादेश का भगोडा है जो किन्हीं खास कारणों से निरंतर हिन्दुस्तान के विरोध में काम कर रहा है। इसने अपने फेसबुक प्रोफाइल में लिखा है कि वह साउथ एशिया पर्सपेक्टिव्स का कार्यकारी संपादक, राइट टू फ्रीडम का कार्यकारी निदेशक, जस्ट न्यूज बीडी के लिए व्हाइट हाउस संवाददाता है।
जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी व्दारा मुुश्फिकुल फजल अंसारे के संगठन राइट टू फ्रीडम को फंड देने की बातें भी उजागर हो रहीं है। इसी की पहल पर जर्मनी ने भी तब भारत विरोधी टिप्पणी की थी। यूएन में मानवाधिकार परिषद के प्रमुख वोल्कर टर्क ने भारत की चुनावी प्रक्रिया को लेकर सवाल खडे किये हैं।
उन्होंने 96 करोड मतदाताओं को उनके स्वतंत्र अधिकार देने, पत्रकारों पर हमले होने तथा विशेष समुदाय के खिलाफ भेदभाव करने जैसे आरोप लगाकर देश के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। दुनिया के अनेक देशों को खटक रहे नये भारत के स्वरूप को नस्तनाबूत करने के लिए वर्तमान में बंगाल, वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस सहित उनके पर्दे के पीछे के कथित आका भी पूरा जोर लगा रहे है।
वहां की सरकारी मशीनरी कभी संदेशखाली में आतंक मचाने वाले आरोपी शाहजहां को बचाने में ऐडी चोटी का जोर देती है तो कभी आरोपियों को बचाने के लिए उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुध्द याचिकाकर्ता बनकर उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पीटती है।
और तो और अब वहां के विशेषाधिकार प्राप्त राज्यपाल सीवी आनन्द बोस के विरुध्द एक संविदा कर्मचारी के साथ छेडखानी करने के आरोप पर प्राथमिकी दर्ज करके देश के संविधान की धज्जियां उडाने में जुटी है।
कोलकता पुलिस के सेन्ट्रल डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर इंदिरा मुखर्जी के अनुसार प्रदेश के राज्यपाल के विरुध्द आये छेडखानी के आरोप हेतु एक जांच टीम गठित कर दी गई है। बंगाल में घुसपैठ करके बसाये गये बंगलादेशियों, रोहिग्याओं सहित अनेक राष्ट्रविरोधियों को वहां की सरकार खुलाआम संरक्षण दे रही है।
ऐसी स्थिति में देश को चारों ओर से घेरने का सीमापार का षडयंत्र देश के मीर जाफरों की जमात की दम पर निरंतर तेजी पकडता जा रहा है।
ऐसे में नये भारत की विकास यात्रा में घबडाकर वर्तमान चुनावी समर में कूदे विदेशी महारथी भी अपना जोरआजमाइश करने में लग गये हैं ताकि दुनिया में उभरती इस उभरती तीसरी ताकत को बीच में ही रोका जा सके। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।