न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने जबरदस्ती या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ा कानून बनाने और सख्त सजा का प्रावधान करने की सिफारिश की है।
विघि आयोग के अघ्यक्ष ए.एन. मित्तल और सचिव सपना त्रिपाठी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में प्रावधान किया गया है कि जबरदस्ती धर्मांतरण कराने पर कम से कम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष की सजा होगी।
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विधि आयोग ने इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश फ्रीडम आफ रिलीजन एक्ट 2019’ का ड्राफ्ट भी तैयार कर सीएम योगी को सौंपा।
बताया जा रहा है कि सरकार ड्राफ्ट पर विधिक राय लेकर इसे विधानसभा के अगले सत्र में विधेयक के रूप में लाएगी। ड्राफ्ट में जबरन धर्मांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान तो है ही, इसके साथ ही धर्मांतरण करा कर हुई शादी को निरस्त करने की भी सिफारिश की गई है।
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दरअसल सीएम योगी ने दिसंबर 2017 में आयोग से कहा था कि जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानूनी प्रावधान निर्धारित करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। प्रावधान के मुताबिक धर्मांतरण करने वाले युवक- युवती को मजिस्ट्रेट के समक्ष एक महीने पहले सूचना देनी होगी।
पुजारी, मौलवी, फादर को भी शादी कराने की सूचना मजिस्ट्रेट को एक महीने पहले देनी होगी। सिविल कोर्ट को यह अधिकार दिया जाएगा कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराकर की गई शादी को रद्द कर दें। रिपोर्ट में आपसी सहमति से धर्म परिवर्तन को स्वीकृति दी गई है।