जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उन्नाव में खजाने के लालच में आठ साल के आदर्श को अगवा करने की योजना विश्राम व उसकी पत्नी रानी ने बनाई थी। आदर्श को आसानी से अगवा किया जा सके इसके लिए उन्होंने अपने छोटे बेटे की मदद ली।
आरोपी विश्राम का बेटा सुभाष 9 साल का ही है। आदर्श को अपने घर तक लेकर आया था। यहां रानी ने कपड़े से आदर्श का मुंह बांधने के बाद उसे बोरी में भर दिया था।
इसके बाद उसे गांव से बाहर बने घर में छिपा दिया गया था। 30 घंटे तक आदर्श उसी बोरी में बंद रहा। गुरुवार रात बलि चढ़ाने के लिए उसे बोरी से बाहर निकाला गया। इस दौरान वह शोर न मचा सके इसके लिए उसका गला दबाने का भी प्रयास किया गया। जिससे वह बेदम हो गया।
पुलिस सख्त हुई तो खुलने लगी कड़ियां
पुलिस की पूछताछ में विश्राम व रानी ने बताया कि घटना वाले दिन आदर्श उसके छोटे बेटे सुभाष के साथ खेल रहा था। सुभाष जब आदर्श को घर लेकर आया तो रानी उसे घर के अंदर लेकर चली गई। जहां उसका पहले मुंह बांधा गया। इसके बाद उसे एक प्लास्टिक की बोरी में बंद कर दिया गया।
बोरी को घर के अंदर बनी कच्ची कोठरी में रख दिया गया था। आदर्श इसी बोरी में 30 घंटे तक भूखा प्यासा बंद रहा। गुरुवार रात 12 बजे के बाद उसे बोरी से बाहर निकाला गया था। इसके बाद रानी ने तंत्र मंत्र की पूजा की। रानी के कहने पर उसके बच्चों ने लोहे की कलछी को गरम किया था। इस बीच आदर्श शोर न मचा सके इसके लिए विश्राम ने उसका गला भी दबाया था।
आरोपी पति -पत्नी ने बताया कि आदर्श के शरीर में दो बार गरम लोहे की कलछी दागी गई थी। इसके अलावा सिर व कान के पास दो कील भी ठोकी गई थी। पुलिस ने रानी की निशानदेही पर कलछी, तीन लोहे की कील व एक लोहे का छल्ला बरामद किया है।
गांव पहुंची पुलिस ने की जांच
गांव में जांच के दौरान एसपी एमपी वर्मा, एएसपी विनोद कुमार पांडेय, सीओ सफीपुर गौरव त्रिपाठी, माखी थानाध्यक्ष श्यामकुमार पाल मौजूद रहे। कन्हैयालाल ने बताया कि बुधवार शाम उसकी पत्नी निशा गांव की बाजार गई थी।
बाजार जाते समय बेटे आदर्श ने चुर्री खरीदकर लाने की जिद की थी। निशा बाजार से लौटी तो उसने जिगर के टुकड़े आदर्श को चुर्री थमा दी। चुर्री लेकर आदर्श घर से बाहर निकला और लापता हो गया।
बेटे आदर्श को ढूंढने में माता पिता ने आसमान सिर पर उठा लिया था लेकिन उन्हें बेटा जीवित नहीं मिल सका। तालाब से बच्चे का शव मिलने के बाद फील्ड यूनिट व डाग स्कवॉड घटनास्थल पर पहुंच गया था। घटनास्थल से दो सौ मीटर दूर आरोपी विश्राम के घर तक जाने के बाद डाग भटक गया था।