Tuesday - 29 October 2024 - 4:29 PM

पहली बार सरकार ने माना कि मई में चीन ने की थी घुसपैठ

जुबिली न्यूज डेस्क

मीडिया के तमाम दावों के अब तक नकार रही केंद्र सरकार ने पहली बार माना है कि मई माह में चीन ने घुसपैठ की थी। रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया है कि भारतीय क्षेत्र पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों ने मई के महीने में घुसपैठ की थी।

रक्षा मंत्रालय का ये बयान ऐसे समय में आया है जब शीर्ष स्तर की सैन्य वार्ता के पांच दौर के बावजूद पैंगोंग त्सो और गोगरा में गतिरोध जारी है। चीनी सैनिक एलएसी पर जमे हुए हैं। इतना ही मीडिया में आई खबरों के मुताबिक चीन परमाणु मिसाइल भी रखा है।

यह भी पढ़ें : कोरोना : 30 दिन में 20 हजार लोगों की मौत

यह भी पढ़ें : गुजरात के कोरोना अस्पताल में आग, 8 मरीजों की मौत

यह भी पढ़ें :  ये होंगे जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल

4 अगस्त को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किए गए नए दस्तावेज में बताया गया कि बीजिंग पक्ष ने कुगरांग नाला (हॉट स्प्रिंग्स के उत्तर में पैट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास) गोगरा (पीपी-17ए) और पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट के क्षेत्रों में 17-18 मई को सीमा का उल्लंघन किया। बता दें कि ‘Transgression’  शब्द का इस्तेमाल भारत द्वारा चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘घुसपैठ’  के लिए उपयोग किया जाता है।

5-6 मई को पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर विरोधी सैनिकों के बीच पहली झड़प के बाद हुए सैन्य टकराव के बाद से किसी भी आधिकारिक बयान या दस्तावेज में ‘Transgression’ शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है। दस्तावेज में कहा गया कि गतिरोध लंबा हो सकता था और उभरते हुए हालात में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता हो सकती है।

यह भी पढ़ें : अमेरिका में कब आयेगी कोरोना वैक्सीन ?

यह भी पढ़ें :  गुजरात के कोरोना अस्पताल में आग, 8 मरीजों की मौत

मालूम हो कि मई के आखिर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि चीनी सैनिकों की एक बड़ी संख्या पहले की तुलना में थोड़ा आगे आ गई थी, पर आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया गया था कि इसकी गलत तरीके से व्याख्या नहीं की जानी चाहिए कि चीनी सैनिकों ने एलएसी के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया।

वहीं 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए और चीनी सैनिक भी हताहत हुए। हालांकि चीन ने अब तक स्वीकार नहीं किया है कि उसके सैनिक हताहत हुए हैं। वहीं इस हिंसक झड़प के बाद मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि एलएसी के पार संरचनाओं को खड़ा करने की चीन की वजह से झड़पें हुईं।

बयान में आगे कहा गया कि चीन ने पारंपरिक भारतीय पेट्रोलिंग पैटर्न में बाधा डाली थी। इसके बाद विदेश मंत्रालय के बयानों में एलएसी के साथ यथास्थिति और द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के मुताबिक स्थिति की बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

यह भी पढ़ें :  सुशांत केस : रिया की अब बढ़ सकती हैं मुश्किलें 

यह भी पढ़ें :   रिम्स निदेशक का बंगला बना लालू यादव का नया ठिकाना 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com