जुबिली न्यूज डेस्क
एएफपी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर इस सप्ताह किसी महिला को फांसी देने की तैयारी में है, लगभग 20 वर्षों में पहली बार। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकार समूहों ने कहा कि देश में इस सप्ताह नशीली दवाओं के दो दोषियों को फांसी दी जाएगी, जिसमें लगभग 20 वर्षों में फांसी की सजा पाने वाली महिला भी शामिल है।
दो दशक में पहली बार एक महिला को मौत की सजा दी जाएगी. सिंगापुर की 45 वर्षीय महिला श्रीदेवी जमानी को मौत की सजा दिये जाने की तैयारी हो रही है. जमानी को 2018 में नशीली दवा हेरोइन की तस्करी का दोषी पाया गया था. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि लगभग दो दशक में सिंगापुर में किसी महिला को मौत की सजा दी जाएगी.
सिंगापुर को नशीली दवाओं को लेकर दुनिया के सबसे सख्त सजा वाले देशों में गिना जाता है. देश का कहना है कि ऐसा समाज की रक्षा के लिए जरूरी है. लेकिन मौत की सजाओं की बहुत बड़ी संख्या के कारण मानवाधिकार संगठन उसकी आलोचना करते रहे हैं.
जमानी को 30 ग्राम हेरोइन रखने का दोषी पाया गया था. अजीज पर 50 ग्राम हेरोइन की तस्करी का दोष साबित हुआ था. सिंगापुर का कानून कहता है कि 15 ग्राम से ज्यादा हेरोइन या 500 ग्राम से ज्यादा अफीम की तस्करी के दोषी को मौत की सजा दी जा सकती है.
एक के बाद एक मृत्युदंड
इससे पहले अप्रैल में एक अन्य सिंगापुरी नागरिक थंगाराजू सुपैया को एक किलोग्राम अफीम की तस्करी के लिए मौत की सजा दी गयी थी. हालांकि सुपैया ने उस अफीम को हाथ भी नहीं लगाया था लेकिन अधिकारियों ने उस पर फोन के जरिये तस्करी करने का आरोप लगाया था.
कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और दुनिया की जानीमानी हस्तियों ने जमानी को मौत की सजा ना देने की अपील की है. इनमें मशहूर ब्रिटिश उद्योगपति सर रिचर्ड ब्रैन्सन भी शामिल हैं, जिन्होंने ट्विटर पर सिंगापुर की आलोचना की.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक जमानी ने अपने मुकदमे की सुनवाई के दौरान कहा था कि वह रमजान के दौरान अपने निजी इस्तेमाल के लिए हेरोइन जमा कर रही थीं. सुनवाई कर रहे जज सी की ऊन ने आदेश में कहा था कि जमानी ने अपने घर से हेरोइन और मेथाफेटामाइन जैसी नशीली दवाएं बेचने से इनकार नहीं किया लेकिन उन गतिविधियों के दायरे को बहुत छोटा करके बताया था.
सिंगापुर का रिकॉर्ड खराब
मौत की सजा देने के मामले में सिंगापुर का रिकॉर्ड दुनिया में कुछ सबसे खराब देशों में गिना जाता है. इसी साल जारी एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया था कि मौत की सजाओं के मामले में 2022 बेहद खराब साल रहा था. 2021 की तुलना में कुवैत,म्यांमार, फलीस्तीन, सिंगापुर और अमेरिका में मौत की सजाओं की संख्या में बड़ी वृद्धि दर्ज हुई. 2021 में 18 देशों में 579 लोगों को मौत की सजा दी गई थी जबकि 2022 में 20 देशों में 883 लोग मारे गए.