न्यूज़ डेस्क
तिरुवनंतपुरम। केरल में भारी वर्षा से आई बाढ़ और भूस्खलन ने लगातार दूसरे वर्ष बड़ा कहर ढाया है। गुरुवार तक प्राप्त रिपोर्ट में बारिश से संबंधित घटनाओं में 104 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
आठ अगस्त से ही राज्य में भारी वर्षा का प्रकोप लोगों को झेलना पड़ रहा है। रिहायशी इलाकों में पानी भर जाने से 54 हजार 799 परिवारों के एक लाख 75 हजार 373 लोगों को जिलों में स्थापित 1057 राहत शिविरों में रखा गया था।
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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन इलाकों में पानी घटने लगा है, वहां राहत शिविरों में रह रहे लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार बाढ़ से सबसे अधिक 43 लोग की मलाप्पुरम में मृत्यु हुई है।
कोझिकोड में 17 और वायनाड में 12 लोग अकाल ही मौत का शिकार हो गए। कन्नूर और त्रिशूर जिले में नौ- नौ, अलप्पुझा में चार, कोट्टायम और कासरागौड जिले में दो- दो लोगों की मौत हुई है। इड्डकुकी में पांच और ललाक्कड़ में एक व्यक्ति की मौत हुई है। लापता 36 लोगों में से भी सबसे अधिक 28 मलाप्पुरम के हैं।
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वायनाड से सात और कोट्टायम से एक व्यक्ति लापता है। सूत्रों ने बताया कि 1116 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए जबकि 11901 बाढ की वजह से आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
सोशल मीडिया पर राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर झूठी खबर से लोगों में भय उत्पन्न करने के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 32 मामले दर्ज किए गए हैं। इस संबंध में साइबर प्रकोष्ठ ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है।