Friday - 25 October 2024 - 7:07 PM

युवाओं की हुंकार से जागी योगी सरकार

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

बेरोजगारी के मुद्दे पर हुए व्यापक प्रदर्शन और युवाओं में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए यूपी की योगी सरकार काफी सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री ने शासन के सभी विभागों से एक सप्ताह के भीतर रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है।

बताया जा रहा है कि अगले छह महीने में प्रदेश के पांच लाख से अधिक बेरोजगारों को सरकारी नौकरी मिल सकती है। प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के 12.64 लाख से अधिक पदों में करीब 3.25 लाख पद खाली हैं। शिक्षकों के रिक्त पदों को भी शामिल कर लें तो यह आंकड़ा 5 लाख पार कर जाता है। इनमें से कई विभागों के वे पद शामिल नहीं हैं जिन पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

एक अप्रैल 2019 की स्थिति के अनुसार सरकारी आंकड़ों की बात करें तो शासन के विभिन्न विभागों में केवल राज्य कर्मचारियों के ही करीब 3.25 लाख पद खाली हैं। इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 69,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग में 69,000 पदों में से 31661 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया है।

इसके बाद भी करीब 50,000 पद खाली रहेंगे। सहायता प्राप्त परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 4500 तथा लिपिक संवर्ग के 1500 पद खाली बताए जा रहे हैं। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा में सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों के करीब 32,000 व राजकीय विद्यालयों में करीब 6000 पद खाली हैं।

राजकीय विद्यालयों के 10,768 शिक्षकों के रिक्त पदों पर चल रही भर्ती इसमें शामिल नहीं है। उच्च शिक्षा विभाग में सहायता प्राप्त व राजकीय कॉलेजों को मिलाकर करीब 8000 पद रिक्त बताए जा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों-कॉलेजों में रिक्त करीब 1.70 लाख पदों को शामिल कर लिया जाए तो पांच लाख से अधिक पद खाली हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ मौजूदा स्थिति में रिक्त पदों की जानकारी तलब की है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं व सहायता प्राप्त संस्थाओं में भी बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। ऐसे में रिक्त पदों का आंकड़ा और भी अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

सरकार रिक्त पद भरे तो हर तरह की योग्यता वाले युवाओं को मौका मिल सकता है। इनमें पीसीएस अधिकारी से लेकर जिला स्तरीय विभिन्न संवर्गों के अधिकारी के साथ ही लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, नर्स, शिक्षक, इंजीनियर, मैनेजर, चपरासी जैसे पद भी शामिल हैं।

इन रिक्त पदों में सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं व सहायतित संस्थाओं में रिक्त पद शामिल नहीं हैं। सार्वजनिक  क्षेत्र की संस्थाओं में कर्मचारियों के 97,163 पद हैं। इसी तरह सहायतित संस्थाओं में 7,12,435 पद हैं। इनमें अकेले 5,96490 पद बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों व अन्य कर्मियों से जुड़े हैं। शिक्षा विभाग को छोड़ अन्य विभागों की रिक्तियां भी इस पांच लाख के बाहर हैं।

इन विभागों में हैं खाली पद… 

  • आयुष- 8069
  • सचिवालय प्रशासन-3008
  • समाज कल्याण-4249
  • पुलिस जिला पुलिस, पीएसी, फायर, रिजर्व आदि- 1,40,105
  • आबकारी- 1299
  • अल्पसंख्यक- 407
  • अतिरिक्त ऊर्जा- 149
  • औद्योगिक विकास- 2868
  • आवास एवं शहरी नियोजन- 2323
  • भूतत्व एवं खनिकर्म- 515
  • चीनी उद्योग- 3157 चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण- 45,755
  • ग्राम्य विकास-4573
  • लोक निर्माण- 10913
  • महिला एवं बाल विकास- 5872
  • मत्स्य- 1172
  • नियुक्ति- 414
  • न्याय- 1381
  • पंचायत- 9369
  • परिवहन-1520
  • पर्यटन- 184
  • पशुधन- 4819
  • राजस्व- 29034
  • होमगार्ड- 906
  • कारागार- 5071
  • खाद्य रसद- 4469
  • खाद्य सुरक्षा- 629
  • खादी ग्रामोद्योग- 990
  • खेलकूद- 242
  • कृषि विपणन- 361
  • कृषि- 12158
  • लघु सिंचाई-भूगर्भ जल- 2576
  • ग्रामीण अभियंत्रण- 1161
  • श्रम- 2915
  • सिंचाई- 20611
  • कर निबंधन- 9016
  • सूचना- 643
  • एमएसएमई- 1698
  • उद्यान- 925
  • ऊर्जा- 197
  • वन- 4707
  • वित्त- 4472
  • युवा कल्याण- 839
  • शिक्षा विभाग में राज्यकर्मियों के खाली पद
  • उच्च शिक्षा- 2540
  • माध्यमिक-398
  • बेसिक-9156
  • प्राविधिक- 5785
  • व्यावसायिक शिक्षा-7386
  • शिक्षकों के पद खाली..
  • बेसिक शिक्षा शिक्षक- 69000 पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
  • 55000 रिक्त
  • माध्यमिक शिक्षा शिक्षक सहायता प्राप्त विद्यालयों में – 32000
  • माध्यमिक राजकीय विद्यालयों में – 16000 पद खाली हैं। इनमें 10,768 की भर्ती निकल चुकी है। करीब 6000 पद खाली।        
  • उच्च शिक्षा में सहायता प्राप्त व राजकीय मिलाकर 8000 पद खाली।

गौरतलब है कि नौकरियों को लंबित रखने और बेरोजगारी पर विपक्ष के आरोप लगाने के बाद योगी सरकार ने शासकीय भर्तियों की वो सूची जारी की है, जिसमें 2017 से अब तक सरकारी पदों पर दी गई कुल नौकरियों का विवरण दिया गया है। सरकार ने इस सूची में 2017 से अब तक कुल 3.79 लाख पदों पर नौकरी देने या नौकरी देने की प्रकिया जारी होने का दावा किया है।

योगी सरकार ने शुक्रवार को ही सभी विभागों से अपने रिक्त पदों का विवरण मांगा था। इसके बाद योगी सरकार ने 6 महीने के भीतर रिक्त पदों को भरने की बात कही थी। सरकार ने इसके लिए मुख्य सचिव सहित समस्त अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव से रिक्त पदों की सूचना एक हफ्ते में देने के लिए कहा है। सरकार के इस संबंध में आदेश दिए जाने के बाद उन पदों की सूची भी जारी हुई है, जो कि 2017 से अब तक भरे गए हैं या जिनपर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।

इस विवरण के अनुसार शासन ने 3.79 लाख पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को बीते साढ़े तीन साल में पूरा या शुरू कराया है। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत हो रही 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती भी शामिल है। साथ ही सूची में पुलिस विभाग के 16 हजार से अधिक पदों पर भी हो रही भर्ती को शामिल किया गया है।

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बता दें कि गुरुवार को ही विपक्ष के तमाम दलों और प्रतियोगी छात्रों ने योगी सरकार पर बेरोजगारी के प्रति उदासीन रहने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किए थे। इस दौरान प्रतियोगियों ने कहा था कि शासन के तमाम पदों के खाली होने के बावजूद योगी सरकार ने पावर में आने के बाद से ही इनपर कोई काम नहीं किया है। ऐसे में प्रतियोगी छात्रों और बेरोजगारों को नौकरी के लिए भटकना पड़ रहा है। विपक्ष के तमाम आरोपों के बाद ही, सरकार ने शुक्रवार को ये सूची जारी की।

दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने स्पष्ट किया है कि योगी सरकार सरकारी नौकरी में किसी को भी संविदा पर नहीं रखेगी । इस पर विपक्षी पार्टियां सिर्फ भ्रम फैला रही हैं, जबकि सरकार की ऐसी कोई योजना बनी ही नहीं है और आगे भविष्य में बनेगी भी नहीं।

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