जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के नासिक में करेंसी छापने वाली प्रेस से फरवरी में पांच लाख रुपये गायब हो गए. उच्च सुरक्षा क्षेत्र में हुई इस चोरी के मामले ने अधिकारियों के हाथ-पाँव फुला दिए. अधिकारियों ने काफी समय तक अपने स्तर से जांच पड़ताल की फिर इस मामले को पुलिस के हवाले कर दिया.
नासिक पुलिस के हाथ में करेंसी नोट प्रेस से पांच लाख की चोरी का मामला आया तो पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लिया. पुलिस ने सीसीटीवी की जांच में ही सैकड़ों घंटे बर्बाद कर दिए. प्रेस में काम करने वाले हर व्यक्ति से अलग-अलग पूछताछ की गई अंतत: पुलिस ने गायब हुए पांच लाख रुपये के बारे में जानकारी हासिल कर ही ली.
दरअसल यह पांच लाख रुपया चोरी हुआ ही नहीं. रुपया चोरी भी नहीं और और करेंसी नोट प्रेस से बाहर भी नहीं ले जाया गया तो फिर आखिर गया कहाँ. हुआ यूं कि करेंसी नोट प्रेस में काम करने वाले दो सुपरवाइजर नष्ट करने वाले नोटों के साथ ही पांच लाख रुपये के बण्डल को भी पंच कर गए. जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह इतना ज्यादा डर गए कि इस घटना को ही छुपा ले गए.
इन सुपरवाइजरों ने अगर तत्काल अधिकारियों को सही बात बता दी होती तो बात का बतंगड़ नहीं बना होता क्योंकि गलती से नोटों का नष्ट हो जाना इतना बड़ा मुद्दा नहीं है जितना कि करेंसी छापने वाली प्रेस से ही नोटों का चोरी हो जाना.
यह भी पढ़ें : भारत की दो टूक POK को खाली करे पाकिस्तान
यह भी पढ़ें : मिशन शक्ति की शक्ति और बढ़ाने की तैयारी में सीएम योगी
यह भी पढ़ें : स्वावलंबी बनाने के लिए इन महिलाओं को योगी सरकार देगी 89 करोड़ रुपये
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : लाशों के बीच वो लड़की और …
पुलिस ने न तो सुपरवाइजरों के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया है और न ही उन्हें गिरफ्तार किया है क्योंकि यह आपराधिक मामला नहीं है लेकिन क्योंकि पांच लाख की करेंसी नष्ट हुई है इसलिए इस मामले में पुलिस लीगल विभाग से जवाब का इंतज़ार कर रही है.