जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के तकरोही गीत विहार कॉलोनी में मंगलवार देर रात घर में बने गैस चूल्हे गोदाम में आग लग गयी। अग्निकांड में छह माह की मासूम समेत पांच लोगों की मौत हो गयी। सूचना के बाद आधे- अधूरे उपकरण के संग पहुंचे दमकल कर्मियों व पुलिस पर लापरवाही का आरोप क्षेत्रीय लोगों ने लगाया।
मुख्यमंत्री ने हादसे की जांच के आदेश मंडलायुक्त को दिए हैं। मूल रूप से प्रतापगढ़ के पट्टी निवासी टीआर सिंह की लखनऊ के इंदिरानगर में गैस चूल्हा और उपकरण की दुकान है। घर के भूतल पर उन्होंने गोदाम बना रखा है। टीआर सिंह इस समय कारोबार के सिलसिले में कहीं बाहर गए थे लेकिन उनका पूरा परिवार घर पर ही मौजूद था।
मंगलवार की रात परिवार के लोग जब सो रहे थे, तभी रात डेढ़ बजे के करीब घर की दूसरी मंजिल पर शार्ट सर्किट से आग लग गयी। आग लगने के समय घर पर टीआर सिंह का बेटा सुमित सिंह (31), बहू जूली सिंह (28), छह माह की पोती बेबी, लड़की वंदना (22) और भांजा डब्ल्यू सिंह (48) मौजूद थे।
SSP के अनुसार मुख्यमंत्री ने हादसे की जांच के आदेश मंडलायुक्त को दिए
भीषण आग लगने से पूरे इलाके में अफरा- तफरी मच गयी। राहत बचाव कार्य करते हुए स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। फायर सर्विस करीब एक घंटे बाद पहुंची। बिजली की आपूर्ति बंद कराकर आग बुझाने का काम शुरू किया गया। आधे -अधूरे उपकरण के साथ पहुंचे दमकल कर्मियों को भीषण आग बुझाने में भी दिक्कतों को सामना करना पड़ा।
फायर बिग्रेड कर्मियों की हीलाहवाली देखकर स्थानीय युवक रिषभ सिंह राठौर और अनुज सिंह ने जान की परवाह किए बिना सुमित और उनके परिवार को बचाने का बहुत प्रयास किया। उनके साथ मायाराम यादव और क्षेत्र के अन्य लोग भी मौजूद रहे। स्थानीय लोगों की मदद से सुबह चार बजे सुमित सिंह, जूली सिंह, बेबी और डब्ल्यू सिंह को बाहर निकाला गया।
घायलों को फौरन लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। घर में पीछे से जेसीबी की मदद से बड़ा छेद करके दमकलकर्मी भीतर घुसे। छह घंटे बाद घर के बाथरूम से वंदना का शव भी बरामद किया गया। जिस समय आग लगी उस समय पूरा परिवार बालकनी में था। उनकी मौत जलकर नहीं हुई बल्कि आग के बाद निकले धुएं के कारण दम घुटने से होना डॉक्टरों ने बताया है।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि इस अग्निकांड में पांच लोगों की मौत होने की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले की जांच मंडलायुक्त को सौंपकर सात दिन में रिपोर्ट मांगी है।