जुबिली पोस्ट ब्यूरो
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से बाहर करने की है। अब 23 मई को चुनाव परिणाम आ जाने और जनता का रुख स्पष्ट होने के बाद कांग्रेस अपनी अगली रणनीति तय करेगी।
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए राहुल ने लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण का प्रचार समाप्त होने के बाद कहा कि पिछले पांच सालों में कांग्रेस ने बेहतरीन विपक्ष की भूमिका निभाई है। पिछले दो साल से हम रणनीति के तहत प्रधानमंत्री मोदी को घेरने का काम कर रहे हैं और इसमें कांग्रेस को 99 प्रतिशत सफलता भी मिली है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा हिंसा और कांग्रेस गांधी की विचारधारा पर चलती है। इससे पहले राहुल ने एक ट्वीट कर कहा था कि भाजपा-आरएसएस गोड-के (ईश्वर के) प्रेमी नहीं है, वह असल में गोड-से (नाथुराम गोडसे) के प्रेमी हैं।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि इन चुनावों में उसने एक पक्ष का साथ दिया है। एक पक्ष को बयानबाजी के लिए टोका जाता है जबकि प्रधानमंत्री को कुछ भी कहने की छूट दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे चुनाव का कार्यक्रम प्रधानमंत्री की सुविधा के अनुरूप तैयार किया गया।
राहुल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आगे की भूमिका से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी उनके अनुभव का लाभ उठाएगी। उनकी पार्टी भाजपा की तरह अपने वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता नहीं दिखायेगी।
उत्तर प्रदेश में सपा- बसपा के साथ गठबंधन के प्रश्न पर राहुल ने कहा कि दोनों पार्टियों ने अपनी रणनीति के तहत काम किया है। कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश में अपना स्थान बनाना चाहती है। अब चुनाव के बाद हमारी पहली प्राथमिकता मोदी को सत्ता से बाहर करने की होगी। दूसरी कांग्रेस की विचारधारा को आगे ले जाना और तीसरी उत्तर प्रदेश में विधानसभा में जीत दर्ज करना होगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री की पत्रकार वार्ता पर कहा कि वह कठिन सवालों से बचते हैं। उन्होंने राफेल पर चर्चा की मांग की थी लेकिन प्रधानमंत्री ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के पास कांग्रेस के मुकाबले 20 गुणा ज्यादा धन है और कांग्रेस के पास सच्चाई है। हमें उम्मीद है कि हमारी जीत होगी।