Saturday - 26 October 2024 - 2:24 PM

पहले हलाला फिर घर में एंट्री, जूझ रही तसीमा, जानिए पूरा मामला

जुबिली न्यूज डेस्क

हलाला सुनने में जितना आसान लगता है। लोकिन रीयल में बेहद ही कठिन है। हलाला को लेकर एक मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल पिछले डेढ़ साल से मुजफ्फरपुर की तसीमा खातून अपने हक के लिए जूझ रहीं हैं। ससुराल पक्ष ने शर्त रखी है कि निकाह हलाला होगा, फिर उसे अपने पति से असली शादी करनी होगी। तब कहीं जाकर घर में रहने दिया जाएगा।

बता दे कि तसीमा की आत्मा इस बात की गवाही नहीं दे रही है। उसे लगता है कि वो अपने देवर या ननदोई के साथ पहले निकाह फिर शारीरिक संबंध और फिर तलाक क्यों ले? उसे तो सिर्फ अपने बेटे के साथ ससुराल में रहना है। आखिर एक बेटी कब तक अपने मायके में रहेगी? जबकि ससुराल में संपन्नता है, उसके पति का बिजनेस है। उसके पति के कमाए पैसे से जब पूरा परिवार ठाट से रह सकता है तो वो अपने औलाद को लेकर क्यों नहीं रह सकती?

जानें हलाला के बारे में  

इस्लाम में औरत को तीन तलाक देने के बाद दोबारा उसी महिला से विवाह करने की प्रक्रिया को निकाह हलाला कहा जाता है। शरिया के मुताबिक अगर किसी पुरुष ने औरत को तीन तलाक दे दिया है तो उसने उस औरत का अपमान किया है। अब वो शख्स उस औरत से दोबारा तब तक शादी नहीं कर सकता, जब तक वो औरत किसी दूसरे पुरुष से निकाह कर तलाक न ले ले। वैसे, महिला के दूसरे पति को तलाक देने पर मजबूर नहीं किया जा सकता। वो चाहें तो पति-पत्नी की तरह रह सकते हैं। मगर निकाह हलाला के लिए तलाकशुदा महिला को किसी दूसरे पुरुष से शादी करनी होती है। उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना होता है। फिर दूसरे पति से तलाक लेनी होती है। तब जाकर पहले पति के साथ फिर से निकाह होता है। इस पूरे प्रॉसेस को निकाह हलाला कहते हैं। आम बोलचाल में इसे हलाला कहा जाता है।

मुजफ्फरपुर का मामला क्या है?

मुजफ्फरपुर के सकरा में तीन तलाक के बाद सवा साल से हलाला के लिए एक महिला पर दबाव बनाया जा रहा है। ससुराल पक्ष का दबाव है कि देवर या ननदोई से हलाला के बाद ही उसका उसके पति फिर से निकाह होगा, जिसके बाद वो ससुराल में रहने लायक होगी। हलाला से इंकार कर रही महिला 21 अगस्त को ससुराल में रहने के लिए पहुंची तो उसके साथ मारपीट की गई। इसके बाद सकरा थाने में 26 अगस्त 2022 को एफआईआर दर्ज कराई। मानवाधिकार के पास भी आवेदन देकर गुहार लगाई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।  ससुर पर गलत नजर रखने का भी आरोप है।

हलाला तक कैसे पहुंचा विवाद?

निकाह के बाद तसीमा ससुराल में ठीक से रह रही थी। इसी दौरान एक बेटा भी हुआ। हंसी-खुशी जिंदगी कटने लगी। तसीमा को लगा कि उसे जीने का सहारा मिल गया। जीवन को मकसद हासिल हो गया। तसीमा की जिंदगी में तूफान का दस्तक देना बाकी थी। इसके बाद दहेज नाम के दानव ने उसकी जिंदगी में एंट्री मारी। पति ने 10 लाख रुपए और पांच भर (तोला) सोना की डिमांड रखी। नहीं देने पर प्रताड़ना का दौर शुरू हुआ। सास, ससुर, ननद और देवर भी दहेज के लिए आतुर थे। दहेज के लिए डेढ़ साल पहले मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। तब अप्रैल 2021 में तसीमा के पिता ने ससुराल में पंचायती रखी। इसी पंचायती में पति ने तीन तलाक दे दिया। अब ससुराल वालों का शर्त है कि अगर ससुराल में रहना है तो हलाला से गुजरना ही होगा। देवर या ननदोई से पहले निकाह होगा। फिर शारीरिक संबंध बनाना होगा। फिर उनसे तलाक लेनी होगी। फिर पहले पति से निकाह संभव है। इतना कुछ होने के बाद ही ससुराल में आने की परमिशन मिलेगी। अपने अस्मत को दूसरे के हवाले करने से बेहतर तसीमा ने कानून का रास्ता अपनाया किया है।

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