जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच अधिकांश देश अपने नागरिकों को निकालने में जुटे हुए हैं। भारत में यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने में जुटा हुआ है।
इस अभियान के तहत भारत ने 470 भारतीय छात्रों का पहला जत्था यूक्रेन से बाहर निकलकर रोमानिया की सीमा में पहुंचा और शनिवार को एअर इंडिया की एक फ्लाइट रोमानिया के बुखारेस्ट से भारतीय यात्रियों को लेकर मुंबई पहुंच गई है। इसके तहत भारत सरकार ने जानकारी दी है कि यूक्रेन से भारतीयों का पहला दल मुंबई लैंड कर गया है. कुल 219 लोगों की वतन वापसी हुई है।
#WATCH | Union Minister Piyush Goyal welcomes the Indian nationals safely evacuated from Ukraine at Mumbai airport pic.twitter.com/JGKReJE1ct
— ANI (@ANI) February 26, 2022
वहीं और लोगों को वापस लाने के लिए एक फ्लाइट हंगरी से दिल्ली आने की बात की कही गई है। इसके साथ हीएअर इंडिया की दो और फ्लाइट रोमानिया से दिल्ली आने वाली है। इस दौरान वापस लौटने वाले नागरिकों की अब मेडिकल जांच होगी।
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इसके तहतयात्रियों का एयरपोर्ट पर तापमान के साथ-साथ वैक्सीन डोज या आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जांच करायी जायेगी। इससे पहले कीव में भारत के दूतावास की ओर से बताया गया था कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने की ये प्रक्रिया रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के भारतीय दूतावासों के संयुक्त प्रयासों से की जा रही है।
भारतीय छात्रों को पोलैंड में प्रवेश की अनुमति मिल सके इसके लिए पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर भी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। गौरतलब है कि इस सबके बीच शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी की फोन पर बातचीत हुई है।
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इधर रूसी सेना तेजी से यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में घुस रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेेलेंस्की ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि आने वाले कुछ घंटों में रूस, राजधानी कीएव पर हमला कर देगा।
वहीं पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन की बातचीत के बाद भारत सरकार के स्टैंड को लेकर कांग्रेस से दो तरह के विचार सामने आए हैं।
एक पक्ष का कहना है कि भारत सरकार को संतुलन बनाए रखना चाहिए तो दूसरा पक्ष ये कह रहा है कि रूस की कार्रवाई की निंदा होनी चाहिए