जुबिली स्पेशल डेस्क
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला किया गया है। न्यूज एजेंसी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो जारी किया है और वीडियो में देख सकते हैं कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाहर सुखबीर बादल पहरेदार के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे तभी एक शख्स ने अचानक गोली चला दी।
हालांकि वो इस हमले में बाल-बाल बच गए है और गोली चलाने वाले व्यक्ति को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया है। उस समय मीडिया के लोग भी मौजूद थे। इतना ही नहीं उस समय काफी लोग मौके पर मौजूद थे।
सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक सजा दी गई है। इसके तहत बादल को स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार’ के रूप में काम करना होगा और दरवाजे पर ड्यूटी देनी होगी और लंगर की सेवा करनी होगी। इसके सजा के पीछे अकाल तख्त ने सफाई देते हुए बताया है कि 2007 से 2017 तक पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ कि उन्हें यह सजा सुनाई है।
VIDEO | Punjab: A man opened fire at Shiromani Akali Dal leader Sukhbir Singh Badal at the entrance of Golden Temple, Amritsar. The person was overpowered by people present on the spot. More details are awaited.#PunjabNews #SukhbirSinghBadal
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/LC55kCV864
— Press Trust of India (@PTI_News) December 4, 2024
सुखबीर सिंह बादल को पैर में चोट लगी है। इस वजह से 3 दिसंबर से 2 दिन के लिए वो श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर वो ड्यूटी करेंगे।
बताया जा रहा है कि सुखबीर बादल के गले में जो इस समय तख्ती वो उनकी माफी की तख्ती है। वहीं उनके हाथ में जो बरछा उससे पता चलता है कि उनकी यह सजा शुरू हो गई है और वो यह सजा निभा रहे हैं।
अब सवाल है कि उनको ये सजा किस जुर्म की दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब की माने तो उन्होंने साल 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दर्ज मामले को वापस ले लिया था और इसे एक तरीके से राम रहीम को माफ करना समझा गया था।
उन पर दूसरा आरोप यह लगा था कि उन्होंने वोट बैंक के लिए अपने पंथ यानी धर्म के साथ गद्दारी की। उन पर तीसरा आरोप ये था कि उनकी सरकार के दौरान बरगाड़ी बेअदबी मामले की सही तरह से जांच नहीं करवाई गई थी। सोशल मीडिया पर उनकी ये तस्वीर वायरल हो रही है।