स्पेशल डेस्क
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने ग्रेनो अथॉरिटी के पूर्व CEO और चेयरमैन IAS अफसर रमारमण के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। रमारमण इस समय हथकरघा एवं वस्त्रोउघोग के अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात हैं।
पुलिस ने रमारमण के साथ एक बिल्डर समेत पांच लोगों के खिलाफ यह मुकदमा मेरठ के भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट-2 के आदेश पर दर्ज किया है। मामले की जांच सीओ-1 ग्रेटर नोएडा को सौंपी गई है। बता दें कि
बिना अधिग्रहण किए बिल्डर को जमीन दी
गौरतलब है कि ग्रेनो वेस्ट के बिसरख निवासी कुलदीप भाटी ने भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट-2 मेरठ में शिकायत की थी कि अथॉरिटी के अधिकारियों ने उसकी जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही एक बिल्डर को आवंटित कर दिया।
भाटी लखनऊ में रहने वाली शशि पत्नी जियालाल और मुक्ता मोहिनी की ग्रेना वेस्ट स्थित जमीन के केयरटेकर हैं। दावा किया गया है कि यह जमीन आबादी के रूप में दर्ज थी और अधिग्रहण न होने की कैटिगरी में थी, लेकिन इसे एक बिल्डर को आवंटित कर दिया गया। इस पर आपत्ति जताने पर उससे दूसरी जगह जमीन देने के नाम पर 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई।
रिश्वत मांगने का आरोप
कुलदीप ने अथॉरिटी के तत्कालीन सीईओ रमारमण और अन्य अफसरों से बात कर जमीन वापस मांगी तो उन्हें दूसरी जगह जमीन देने का वादा किया गया। बाद में इसके लिए रिश्वत मांगी जाने लगी। रिश्वत मांगने का आरोप टाउन प्लानर रितुराज व्यास पर है।
गौरतलब है कि 1987 बैच के आईएएस रमारमण बसपा और सपा कार्यकाल में 4 जुलाई 2010 से 18 जुलाई 2016 तक तीनों अथॉरिटी में सीईओ और चेयरमैन के पद पर तैनात रहे थे। नोएडा प्राधिकरण की स्थापना 17 अप्रैल 1976 में हुई थी, जबकि ग्रेटर नोएडा की स्थापना 28 जनवरी 1991 और यमुना प्राधिकरण की 24 अप्रैल 2001 को स्थापना हुई। स्थापना के वक्त से तीनों प्राधिकरण के सीईओ अलग-अलग रहे हैं, लेकिन चेयरमैन एक ही रहा है।