- एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत 62 खिलाड़ियों को 32.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत
- अपर मुख्य सचिव डा0 नवनीत सहगल के अध्यक्षता में
- एकलव्य क्रीड़ा कोष की बैठक में लिया गया निर्णय
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण डा. नवनीत सहगल की अध्यक्षता में मंगलवार को बापू भवन में आयोजित एकलव्य क्रीड़ा कोष की बैठक में 62 खिलाड़ियों को 32.50 लाख रुपये आर्थिक सहायता/फेलोशिप दिये जाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
इनमें 25 महिला एवं 37 पुरूष खिलाड़ी शामिल है। विभिन्न प्रकार के 25 खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को फेलोशिप दिये जाने पर निर्णय लिया गया है।
खेल एवं खिलाड़ी का प्रोत्साहन तथा संवर्धन नियमावली-2021 में निहित व्यवस्था के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के पदक विजेता खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस बार की बैठक में तैराकी ,पावरलिफ्टिंग, बैडमिंटन, एथलेटिक्स, टेबिल टेनिस, बास्केटबाल, साफ्ट टेनिस, हॉकी, वॉलीबाल, भारोत्तोलन, कुश्ती, तीरंदाजी, शूटिंग, जूडो, हैण्डबाल, ताइक्वांडो, स्कवैश, कबड्डी, पंजा कुश्ती, खो-खो, फुटबाल, थ्रो-बाल, कराटे तथा जिम्नास्टिक खेल में पदक विजेता खिलाड़ियों को फेलोशिप प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त 06 पैरा खिलाड़ियो को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।
प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं मण्डलों से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को एकलव्य क्रीड़ा कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। खेल संघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक विजेता खिलाड़ियो को अपने खेल विधा से संबंधित आवश्यक उपकरणों की खरीद हेतु पांच लाख रुपये तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। सम्बद्धता प्राप्त खेल संघों द्वारा 04 वर्षों के अंतराल पर आयोजित किये जाने वाले एशियन चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स, वर्ल्ड कप, विश्व चैम्पियनशिप तथा एशिय कप में पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को शारीरिक विकास एवं संवर्धन हेतु डाइट मनी के रूप में 03 लाख रुपये की धनराशि प्रतिवर्ष देने का प्राविधान है। इसी प्रकार जूनियर एशियन चैम्पियनशिप, जूनियर विश्व चैम्पियनशिप, जूनियर वर्ल्ड कप, एशियन कप, यूथ ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, सैफ गेम्स पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को 02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। बैठक में निदेशक, खेल डा.आरपी सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।