Wednesday - 30 October 2024 - 9:45 AM

वित्त मंत्री ने कर्ज पुनर्गठन योजना को लेकर बैंकों से ये कहा

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्ज पुनर्गठन योजना तेजी से लागू करने को लेकर बैंकों और एनबीएफसी (गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) प्रमुखों के साथ बैठक की।

बैठक में उन्होंने कोविड-19 से जुड़े दबाव वाले कर्ज के समाधान को लेकर तत्काल नीति पेश करने, पात्र कर्जदारों की पहचान करने और उन तक पहुंचने पर जोर दिया। सीतारमण ने इस बात पर भी जोर दिया कि समाधान योजना 15 सितंबर 2020 तक लागू हो जानी चाहिए और उसके बारे में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

ये भी पढ़े: नैनीताल और खजुराहो में पटरी पर लौटने लगी है ज़िन्दगी

ये भी पढ़े: BJP सांसद पर बमबारी, देखें वीडियो

वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई बैठक में सीतारमण ने कहा बैंक और एनबीएफसी दबाव वाले कर्ज के समाधान को लेकर तत्काल अपने- अपने निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त नीति को पेश करें, पात्र कर्जदारों की पहचान करें और उन तक पहुंचें। उन्होंने कहा बैंकों को प्रत्येक व्यवहारिक कंपनियों के पुनरूद्धार को लेकर तेजी से समाधान योजना को क्रियान्वित करना चाहिये।

उल्लेखनीय है कि बैक कर्ज के भुगतान पर लगाई गई रोक 31 अगस्त को समाप्त होने के बाद दबाव वाले कर्जदारों को राहत पहुंचाने के लिये रिजर्व बैंक ने एक बार कर्ज पुनर्गठन की अनुमति बैंकों को दी है।

बयान के अनुसार करीब तीन घंटे चली बैठक में बैंकों और एनबीएफसी प्रमुखों ने आश्वस्त किया, ‘वे समाधान नीति को लेकर तैयार हैं और पात्र कर्जदारों की पहचान और उन तक पहुंच को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

ये भी पढ़े: HC का अल्टीमेटम: 22 सितंबर तक छात्र को ढूंढो नहीं तो CBI जांच

ये भी पढ़े: अपनी ही जेल में नशीले पदार्थ सप्लाई करता था जेल अधीक्षक

वे रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित समय सीमा का अनुपालन करेंगे।’ आरबीआई ने पिछले महीने कहा था कि वह कंपनियों और खुदरा कर्जदारों को राहत देने के लिये कर्ज को गैर- निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में डाले बिना एक बारगी पुनर्गठन की अनुमति दे रहा है।

बैंक आरबीआई के नियम और पात्रता के अनुरूप निदेशक मंडल से पुनर्गठन व्यवस्था की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है। आरबीआई ने छह अगस्त को अधिसूचना जारी कर इस बारे में नियम और पात्रता मानदंड तय किये थे।

पुनर्गठन लाभ वे लोग ले सकते हैं जिनके कर्ज की किस्त एक मार्च तक आ रही थी और किस्त के भुगतान में 30 दिन से अधिक विलंब नहीं हुआ है। इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा गठित के वी कामत समिति इस बारे में वित्तीय मानदंडों पर काम कर रही है। समिति की सिफारिशों को उसके गठन के 30 दिन के भीतर अधिसूचित किया जाना है। इसका मतलब है कि अधिसूचना छह सितंबर तक आ जानी चाहिए।

ये भी पढ़े: तो इसलिए हो गयी पुलिस की किरकिरी, ASP समेत कई पुलिसकर्मी घायल

ये भी पढ़े: बच्चो के खिलौने देंगे अब यूपी के लोगों को रोज़गार

वित्त मंत्रालय ये सुनिश्चित करने के लिये रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रहा है कि समाधान प्रक्रिया में आरबीआई से बैंकों को हर संभव मदद मिल सके।

बैठक में वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित आपात कर्ज सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस), आंशिक कर्ज गारंटी योजना (पीसीजीएस 2.0) समेत अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की और बैंकों को कर्जदारों को त्योहरों से पहले जहां तक संभव हो ज्यादा-से-ज्यादा से राहत उपलब्ध कराने को कहा।

बयान के अनुसार ईसीएलजीएस के तहत बैंकों ने 31 अगस्त, 2020 तक कुल 1.58 लाख करोड़ रुपये ऋण की स्वीकृति दी है। इसमें से 1.11 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं।

वहीं पीसीजीएस 2.0 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 25,055.5 करोड़ रुपये मूल्य के बांड/वाणिज्यिक पत्र (सीपी) की ख्रीद को मंजूरी दी है। इसमें 13,318.5 करोड़ रुपये की राशि एए- से नीचे की रेटिंग वाले बांड/सीपी से संबंधित हैं।

वित्त मंत्री ने बैंकों और एनबीएफसी को कंपनियों और व्यवसायों की जरूरतों के साथ-साथ व्यक्तिगत कर्जदरों की आवश्यकताओं का पूरा करने के लिये सक्रियता के साथ कदम उठाने को कहा।

उन्होंने यह भी कहा कि बैंक कोविड ​​-19 संकट के कारण मदद के लिए हताश व्यवसायों को पटरी पर लाने के प्रयासों की अगुवाई करें। बैठक में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत से जुड़े उपायों को प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर बैंकों और एनबीएफसी की सराहना भी की।

ये भी पढ़े: कुलभूषण को मिलेगा भारतीय वकील, 6 अक्टूबर को होगी सुनवाई

ये भी पढ़े: विशेषज्ञ क्यों कह रहे हैं कि कोरोना वैक्सीन नहीं होगी कारगर

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com