जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक शिक्षा की पृष्ठभूमि को आधार बनाकर गढ़ी गयी फिल्म ‘मास्साब’ 29 जनवरी को सिनेमा घरों में रिलीज होगी। देश-विदेश के कई फिल्म फेस्टिवल्स में अवॉर्ड जीत चुकी मास्साब फ़िल्म के कलाकार इन दिनों फिल्म के प्रमोशन में लगे हैं।
इसी सिलसिले में फिल्म के निर्देशक आदित्य ओम, मुख्य अभिनेता शिवा सूर्यवंशी, सहायक कलाकार प्रेम सिंह, शरद राज सिंह राजधानी लखनऊ पहुंचे।
आदित्य ओम ने ‘मास्साब’ के बारे में बात करते हुए कहा, ” फ़िल्म मास्साब उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल में प्राथमिक शिक्षा के अव्यवस्था की तरफ ध्यान आकर्षित करती हैं यह सत्य घटनाओं पर आधारित है। हमने इस फ़िल्म को एक सिनेमाई अंदाज़ में कुछ इस तरह से शूट किया है कि यह फ़िल्म मनोरजन के साथ लोगों तक एक महत्वपूर्ण संदेश भी पहुँचाये।
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मुख्य अभिनेता शिवा सूर्यवंशी ने बताया मेरा किरदार आशीष सिंह सबको शिक्षा और सामाज़िक समानता के अधिकार में विश्वास रखता हैं। इस किरदार से प्रदेश के एक युवा शिक्षक की आदर्श छवि सिनेमा के माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुँचायी। अब फ़िल्म जब फ़िल्म सिनेमगृहो में रिलिज़ हो रही हैं तो हम सब चाहते हैं कि दर्शक मास्साब को अपना प्यार दें।”
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बता दें कि मास्साब ‘ने अमेरिका में औरलैंडो के फ्लोरिडा में आयोजित कॉस्मिक फ़िल्म फेस्टिवल में बेस्ट ड्रामा फ़िल्म का खिताब जीता था। इस फ़िल्म को राजस्थान इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल में बेस्ट फ़िल्म (क्रिटिक च्वाइस), बेस्टर एक्टर (शिवा सूर्यवंशी), स्पेशल एप्रिसिएशन अवॉर्ड (आदित्य ओम) से भी सम्मानित किया गया था। इनके अलावा रांची में आयोजित झारखंड अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में इसे बेस्ट इंस्पीरेशनल फ़िल्म के ख़िताब से भी नवाज़ा गया था।
फ़िल्म से अपने कैरियर की शुरुआत करने जा रहे शिवा सूर्यवंशी ‘मास्साब ‘ में मुख्य नायक के तौर पर नज़र आएंगे। फ़िल्म की मुख्य नायिका शीतल सिंह हैं फ़िल्म के बाक़ी कलाकारों में कृतिका सिंह और चंद्रभूषण सिंह, नर्मदेश्वर दुबे, शरदराज सिंह, संजना शर्मा, हरीश मौर्या, हुसैन खान, बृजेश्वर् सिंह, जय प्रकाश सिंह प्रमुख भूमिका में नजर आएंगे।
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गौरतलब है कि ‘मास्साब ‘ की अनूठी कहानी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक शिक्षा की पृष्ठभूमि को आधार बनाकर गढ़ी गयी है। फ़िल्म के नायक आशीष कुमार को बच्चों को पढ़ाने-लिखाने का जुनून है। अपने इस सपने को पूरा करने के अपनी आईएएस की सरकारी नौकरी को भी त्याग देते हैं।
उसे एक बेहद पिछड़े हुए ग्रामीण इलाके में पढ़ाने का मौका मिलता है जहां उसका सामना दकियानूसी रिवाज़ों व अंधविश्वासों को मामनेवालों, उपेक्षा और करप्शन का शिकार लोगों से होता है, बाद में अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से वो गांव के प्राथमिक स्कूल का हालत इस क़दर बदल देते हैं कि बाद में वो स्कूल श्रे़ष्ठ निजी स्कूलों को टक्कर देने में सक्षम हो जाता है।
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मगर गांव में उसके सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों से नाराज़ लोग उसके ख़िलाफ़ एक बड़ा षडयंत्र रचते हैं। ऐसे में आशीष कुमार इस इन नयी चुनौतियों का कैसे करता है और कैसे इन विषम हालात में भी स्कूली बच्चों को शिक्षा देने का कार्य जारी रखता है, इसका खुलासा रोमांचक अंदाज़ में फ़िल्माये गये क्लाइमेक्स के दौरान होता है।
उल्लेखनीय है कि एक एक्टर और एक निर्देशक के तौर पर कई पुरस्कार जीत चुके आदित्य ओम ने फ़िल्म ‘मास्साब ‘ का निर्देशन किया है। पुरुषोत्तम स्टूडियोज़ के बैनर तले बनी मास्साब फ़िल्म का आदित्य ओम ने न सिर्फ़ निर्देशन किया है, बल्कि उन्होंने इस फ़िल्म का स्क्रीनप्ले और संवाद भी लिखे हैं जबकि इस फ़िल्म की कहानी, अतिरिक्त स्क्रीनप्ले व संवाद शिवा सूर्यवंशी ने लिखे हैं।
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आलोक जैन इस फ़िल्म के क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं, आशीष कुमार एक्ज़ीक्यूटिव प्रोड्यूसर हैं और श्रीकांत असाती ने इस फ़िल्म का छायांकन किया है। प्रकाश झा ने इस फ़िल्म का संपादन, वीरल-लावण ने इस फ़िल्म का पार्श्व संगीत दिया है जबकि महावीर प्रजापति ने इस फ़िल्म को पारंपरिक संगीत से सजाया है।