Wednesday - 30 October 2024 - 5:41 AM

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष सहित 19 लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा

न्यूज डेस्क

जेएनयू मामले में बीते पूरे दो दिन हो चुके हैं। उसके बाद भी पुलिस अभी तक हमलावरों को पकड़ नहीं पाई है। सोशल मीडिया पर हमलावरों की वीडियो की भरमार है लेकिन पुलिस अभी तक कोई एक्शन लेने में झिझक रही है। जेएनयू में हुई हिंसा ने देश के अन्य शहरों तक प्रदर्शन की चिंगारी पहुंचा दी है।

इस बीच जेएनयू प्रशासन की शिकायत के बाद जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के साथ ही 19 लोगों पर  मामला दर्ज किया गया हैं। साथ ही उनपर सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने का भी आरोप लगाया गया है। 

वहीं दूसरी तरफ जेएनयू में हुई हिंसा के बाद से छात्रों में डर का माहौल पैदा हो गया है। सुरक्षा के डर की वजह से कई छात्राएं परिसर छोड़ने पर मजबूर हो गयी है। इनमें से कुछ अपने घर लौट गये तो कई अपने रिश्तेदारों के यहां चली गई। वहीं, कुछ ने कैंपस छोड़कर जाने से मना कर दिया।

इस बीच छात्रावास से छात्राओं को अपने बैग के साथ बाहर आते हुए देखा गया। कुछ छात्राओं ने बताया कि हिंसा को लेकर उनके परिजन चिंतित हैं। कोयना छात्रावास की एक छात्रा ने बताया कि वह अपनी सुरक्षा के डर से परिसर छोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वह वापस हरियाणा जा रही हैं।

गौरतलब है कि जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ वाम दलों के कार्यकर्ताओं और छात्र संगठनों ने ओडिशा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सोमवार को सड़कों पर उतर आये। भुवनेश्वर में प्रदर्शनकारियों नें हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे जिनमें ‘जेएनयू में गुंडागर्दी रोको’ और ‘लोकतंत्र बचाओ’ जैसे नारे लिखे हुए थे। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना की निंदा की।

इसके अलावा महाराष्ट्र के पुणे में विभिन्न छात्र संगठनों और युवा संगठनों ने भी इस घटना के विरोध में सावित्रीभाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के मंत्री एवं कांग्रेस नेता विश्वजीत कदम ने घटना की निंदा की।

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