न्यूज डेस्क
इस देश में वाजिव मुद्दों पर बहुत कम बहस होती है। जिस पर सच में बहस होनी चाहिए उसके लिए न तो साधु-संत को फुरसत है और न ही मुल्ला-मौलवी को।
बेवजह का फतवा जारी करने वाले देवबंद एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उसके निशाने पर टीएमसी सांसद नुसरत जहां है। और तो और देवबंद के फतवे के विरोध में साध्वी प्राची आ गई हैं।
गौरतलब है कि संसद में टीएमसी सांसद नुसरत जहां साड़ी पहनकर, सिंदूर और बिंदी लगाकर आई थी। यह देवबंद के उलेमाओं को पंसद नहीं आया है। देवबंद उलेमा ने नुसरत जहां को फतवा जारी कर दिया। देवबंद के फतवे का विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने विरोध किया है।
प्राची ने मुस्लिम मौलवियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘अगर कोई मुस्लिम महिला किसी हिंदू से शादी कर ले और बिंदी, बिछवे और मंगलसूत्र पहने तो उसे मौलवी हराम करार देते हैं, लेकिन लव जिहाद के नाम पर शादी के बाद बुर्कें को वो जायज ठहराते हैं।’
मालूम हो नुसरत जहां ने हाल ही में बिजनेसमैन निखिल जैन से शादी की है। दोनों ने तुर्की के बोडरम शहर में शादी की। शादी के बाद नुसरत संसद में शपथ लेने पहुंची थीं। इसमें नुसरत ने साड़ी पहन रखी थी। नुसरत ने मंगलसूत्र और बिंदी भी लगाई हुई थी।
नुसरत की शादी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद उलेमा ने आपत्ति जताई और नुसरत के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। उनके मुताबिक नुसरत का सिंदूर लगाना इस्लाम के नियमों के खिलाफ है।
विवादों से भी रहा है साध्वी का नाता
साध्वी प्राची का विवादों से पुराना नाता है। वह विश्व हिंदू परिषद की नेता हैं। उनका जन्म बागपत जिले के एक दलित परिवार में हुआ था। विश्व हिंदू परिषद की फायरब्रांड नेता मानी जाने वाली साध्वी ने संगठन की महिला विंग दुर्गा वाहिनी का भी गठन किया है।
साध्वी प्राची अपने भाषणों के चलते कई बार विवादों में भी रही हैं। 2015 में उन्होंने हिंदुओं से चार बच्चे पैदा करने की अपील की थी। साध्वी प्राची, साध्वी ऋतम्भरा की गुरू बहन भी हैं।