जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. बाप बेरोजगार, ऊपर से शराबी. माँ की मेहनत-मजदूरी से चलता परिवार. इसके बावजूद घर में हर वक्त रहने वाली अशांति से परेशान होकर 17 साल की संध्या साहू ने फांसी लगाकर खुद की जान दे दी. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की संध्या ने इसी साल 12 वीं की परीक्षा पास की थी. माँ का हाथ बंटाने के लिए वह भी एक दुकान में काम करती थी. वह पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती थी मगर घर के हालात ने उसे असमय मौत की नींद सुला दिया.
फांसी लगाने से पहले संध्या ने सुसाइड नोट लिखा. पापा कुछ करते नहीं. मम्मी पर ज़िम्मेदारी है. खर्च बहुत है इसलिए जान दे रही हूँ. कोरबा की मुड़ापार बस्ती में रहने वाली संध्या घर के खर्च में माँ का हाथ बंटाने की हर संभव कोशिश करती थी. पढ़ाई से समय निकालकर वह एक दुकान में काम करती थी ताकि घर चलाने में माँ को बहुत ज्यादा परेशानी न हो लेकिन पिता एक तो काम नहीं करते थे दूसरे उन्हें हर वक्त शराब चाहिए रहती थी.
घर के हालात से परेशान संध्या ने रात को परिवार के साथ खाना खाया और सोने के लिए रोज़ की तरह अपने कमरे में चली गई. सुबह जब देर तक दरवाज़ा नहीं खुला तो संध्या कमरे के फंदे से लटकी नज़र आई. पुलिस ने फंदे से लाश उतारी. पुलिस को कमरे में सुसाइड नोट भी मिला. इस सुसाइड नोट के मुताबिक़ पिता सियाराम साहू की शराब से संध्या सबसे ज्यादा परेशान थी.
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