जुबिली स्पेशल डेस्क
हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को पनाह देना पाकिस्तान को अब काफी महंगा पड़ रहा है। दरअसल फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)पाकिस्तान को एक बार फिर ग्रे लिस्ट में कायम रखा है।
इसके पीछे की वजह यही है कि पाकिस्तान ने अब तक दहशतगर्दों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। एफएटीएफ अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा ऐलान किया है और बताया है कि हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान विफल रहा है और इसलिए अभी ग्रे विस्ट में कायम रखा है। एफएटीएफ ने आगे कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे को रोकने में भी पाकिस्तान सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है।
पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है: पाकिस्तान मीडिया
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 25, 2021
पाक ने 26 पॉइंट पर काम किया लेकिन…
एफएटीएफ ने आगे बताया है कि पाकिस्तान को क्यों सख्त निगरानी रखी जा रही है। उसने बताया कि पाक ने 27 पॉइंट वाले एक्शन प्लान के 26 पॉइंट पर काम किया, लेकिन एक अहम बिंदु जिसपर पर उसे अभी काम करने की जरूरत है, वह है संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकी समूहों के बड़े दहशतगर्दों के खिलाफ जांच और सजा देना। इस वजह से अभी पाकिस्तान को सख्त निगरानी में रखी जा रही है।
बता दे कि इससे पहले पिछले साल 2020 में फाइनेंशिल एक्शन टॉस्क फोर्स की पेरिस में हुई ऑनलाइन बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखे जाने पर मुहर लगायी थी। एफएटीफ ने बताया कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पूरा करने में विफल रही थी।
एफएटीएफ ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी।
उस समय कहा जा रहा था कि अगर उसे फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी सूची से बाहर निकलना है तो भारत में आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले आतंकियों जैसे दाउद इब्राहिम, जकी-उर-रहमान लखवी, जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और लश्कर सरगना हाफिज सईद और इनके सहयोगियों के समूचे अर्थ तंत्र को खत्म करना होगा और इसके सबूत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने रखने होंगे।