फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से संदिग्ध सूची में डाले जाने के बाद पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एफएटीएफ एपीजी) अब पाकिस्तान को उसके मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। पाक एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) के 10 मानकों को पूरा करने में नाकाम साबित हुआ है।
एपीजी की अंतिम रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अपने कानूनी और वित्तीय प्रणालियों के लिए 40 मानकों में से 32 को पूरा करने में विफल रहा है। इसके अलावा टेरर फंडिंग के खिलाफ सुरक्षा उपायों के लिए 11 मापदंडों में से 10 को पूरा करने में पाकिस्तान विफल साबित हुआ है।
बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ऑस्ट्रेलियाई शहर कैनबरा में बैठक हो रही है। यहां पाकिस्तान से जुड़ी म्युचुअल इवेल्यूशन रिपोर्ट (MER) पेश होने के बाद स्वीकार की जानी है। इससे पहले पाकिस्तान ने बुधवार को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को अनुपालन रिपोर्ट सौंपी। इसमें 27 सूत्री कार्ययोजना (एक्शन प्लान) का उल्लेख है।
इस संबंध में अब एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) की ओर से अभी इस अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। एपीजी ने पाया कि इस्लामाबाद की ओर से कई मोर्चों पर खामियां हैं।
साथ ही उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से की जा रही कोशिशों में कई तरह की खामियां पाई हैं। पाकिस्तान की ओर से 50 पैमानों पर सुधार के दावों को लेकर कोई समर्थन नहीं मिल रहा।
नौ देशों के इस क्षेत्रीय संगठन एपीजी में पाकिस्तान 40 पैमानों में करीब तीन दर्जन में नाकाम रहा है। इसके अलावा 11 ‘प्रभावकारी’ पैमानों पर भी पाकिस्तान 10 में फिसड्डी साबित हुआ है।
पाकिस्तान को एमईआर और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक्शन प्लान, दोनों मोर्चों पर असरदार अनुपालन दिखाना है। अक्टूबर में FATF के पूर्ण सत्र में पाकिस्तान के मामले की एक बार फिर समीक्षा की जाएगी।
बताते चले कि अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड के दबाव के बाद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) पाकिस्तान को जून 2018 से संदिग्ध सूची में डाल चुका है। एपीजी की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिकूल तथ्य पाए जाने के बाद अक्टूबर 2019 से उसे नकारात्मक रडार पर रखा जाएगा।