जुबिली स्पेशल डेस्क
देश में किसान आंदोलन अब भी चल रहा है। सरकार बार- बार किसानों से आंदोलन खत्म करने की गुहार लगा रही है लेकिन किसानों ने तय कर लिया है जब कृषि कानून को रद्द नहीं किया जाता है तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।
इतना ही नहीं पीएम मोदी ने लोकसभा में एक बार फिर कृषि कानून को सही बताया है। दरअसल पीएम मोदी बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देने के दौरान कृषि कानून, किसान आंदोलन को लेकर सरकार की बात रखी है।
उधर किसान भी इस मुद्दे सरकार से आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है। अभी तक किसान चक्का जाम कर रहे तो अब आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है।
ये भी पढ़े: जानिए बिहार में किस मंत्री को मि कौन सा विभाग
ये भी पढ़े: ऑक्सीटोसिन इन्जेक्शन को लेकर क्यों सख्त हुई योगी सरकार
इस क्रम में प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी रेल रोको अभियान का ऐलान कर दिया है। ऐसे में रेल रोको से अभियान सरकार की मुश्किले बढ़ सकती है।
On February 16, the farmers will show solidarity throughout the country on the birth anniversary of Sir Chhoturam. Rail roko program will be held on February 18 from 12 to 4 pm across the country: Dr Darshan Pal, Samyukta Kisan Morcha
— ANI (@ANI) February 10, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पाल ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने मीडिया में जारी अपने बयान में कहा है कि किसानों द्वारा 12 फरवरी से राजस्थान के सभी रोड के टोल प्लाजा को टोल फ्री कर दिया जाएगा।
ये भी पढ़े: मोदी सरकार की आपत्ति पर ट्विटर ने अपने जवाब में क्या कहा?
ये भी पढ़े: उज्ज्वला योजना : मुफ्त रिफिल के बाद भी नहीं भरवाए गए 9.88 करोड़ सिलेंडर
14 फरवरी को देशभर में कैंडल मार्च, मशाल जुलूस और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के बलिदान को याद किया जाएगा।
वहीं 16 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती पर देश भर में एकजुटता दिखाएंगे। देशभर में 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक रेल रोको कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले किसानों ने ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी।
ये भी पढ़े: प्रचंड ने ओली को लेकर भारत और चीन से मदद की लगाई गुहार
ये भी पढ़े: किसान आंदोलन को लेकर भाजपा सांसद ने कहा- तीन मुख्यमंत्री करते हैं फंडिंग…
इसके आलावा देशव्यापी चक्का जाम कर चुके हैं। सरकार और किसानों के बीच कई दौरों की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका नतीजा कुछ भी नहीं निकला है। हालांकि सरकार अब भी किसानों से बातचीत करने को तैयार है।