जुबिली न्यूज डेस्क
हरियाणा के करनाल में चल रहा किसानों का धरना फिलहाल खत्म हो गया है। प्रशासन के बीच कुछ शर्तों के साथ सहमति बनने के बाद किसानों ने धरना खत्म करने का ऐलान किया।
प्रशासन के साथ किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर धरना खत्म करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा के खिलाफ रिटायर्ड जजों की एक कमेटी जांच करेगी, जांच के दौरान SDM छुट्टी पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मृतक किसान के परिवार को सरकारी नौकरी देने की बात भी कही गई है।
बतातें चले कि किसानों और प्रशासन के बीच समझौता शुक्रवार देर रात ही हो गया था, इसी के कारण शनिवार को होने वाली मीटिंग को कैंसिल कर दिया गया था और धरने को समेटने की तैयारियां शुरू हो गईं थीं।
जानकारी के अनुसार भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के पास गुरुवार को ही वार्ता का प्रस्ताव आ गया था। शुक्रवार को किसानों की तरफ से 13 नेता मीटिंग में शामिल हुए। जिसमें चढ़ूनी के अलावा सुरेश कौथ और रतन मान शामिल थे। तो वहीं प्रशासन की तरफ से DC निशांत कुमार यादव और एसपी गंगाराम पूनिया शामिल हुए थे।
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एक महीने में पूरी होगी जांच
करनाल के बसताड़ा टोल पर 28 अगस्त को हुई लाठीचार्ज मामले की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जजों को सौंपी गई है। जांच अवधि के दौरान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। इस जांच को एक महीने में पूरी करने की बात भी कही गई है। इसके अलावा मृतक किसान के पीडि़त परिवार को नौकरी देने पर भी रजामंदी हो गई है। किसान परिवार के दो लोगों को नौकरी दी जाएगी।
घायलों और मृतकों के लिए नहीं तय हो पाया मुआवजा
किसानों की मांगों को लेकर हो रही चर्चा के दौरान फिलहाल मुआवजे की राशि तय नहीं हो पाई है। दरअसल किसानों की तरफ से मृतक व घायल किसानों के लिए मुआवजे की मांग की गई थी। भले ही मुआवजा राशि तय नहीं हो पाई लेकिन अधिकारियों द्वारा आश्वस्त किया गया है कि मुआवजा जरूर दिया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर किसान धरने पर बैठे हुए थे। यह धरना लाठीचार्ज की घटना के बाद और तेज हो गया था। किसानों की मांग थी कि एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाए। करनाल प्रशासन और किसानों के बीच भी पिछली दिनों कई बार वार्ता होती देखी गई।