जुबिली न्यूज डेस्क
फिलहाल 14 महीने से चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया। किसानों की मांगे पूरा करने के सरकार के वादे के बाद ही किसान संगठन आंदोलन खत्म करने को तैयार हुए।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आंदोलन खत्म करने के ऐलान के बाद टिकरी और सिंघु बॉर्डर से किसानों की घर वापसी शुरू हो गई है।
एसकेएम के धरना वापस लेने के फैसले की जानकारी मिलने के बाद पिछले एक साल से टिकरी सीमा पर डेरा डाले सैकड़ों किसान गुरुवार को अपने घर के लिए रवाना हो गए।
हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि वे 11 दिसंबर को जश्न मनाने के बाद घर वापस जाएंगे।
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, किसानों के पहले जत्थे में घर लौटने वाले पठानकोट, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर और फिरोजपुर जैसे दूर-दराज के स्थानों के थे, जबकि उनमें से अधिकांश ने आज सुबह यानी शुक्रवार जल्दी वापस जाने के लिए अपना सामान पैक किया।
गुरुवार को जब मंच से आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया गया तो मुख्य प्रदर्शन स्थल पर किसानों ने जीत का जश्न मनाया और मंच पर डांस भी किया।
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अमृतसर के किसान हरविंदर ने कहा कि गुरुवार को केंद्र द्वारा हमारी सभी मांगों को स्वीकार करने के बाद हम आज घर वापस जाने के बारे में आश्वस्त थे, इसलिए हमने पैकिंग कर ली थी। जैसे ही एसकेएम ने सिंघू सीमा से आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की, हमने इन्हें ट्रैक्टर-ट्रेलरों और अन्य वाहनों पर लाद दिया।
गुरदासपुर के गुरजीत ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों को कल पंजाब से टिकरी बुलाया था ताकि वे हमारा सामान और अन्य सामान वापस वाहनों में ले जा सकें।
उन्होंने कहा कि कुछ किसानों ने पहले अपने ट्रैक्टरों को कृषि उद्देश्यों के लिए गांव वापस भेज दिया था और उनके ट्रेलर सीमा पर खड़े थे, इसलिए वे भी ट्रेलरों को घर वापस ले जाने के लिए यहां ट्रैक्टर लाए।
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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं द्वारा अपने एक साल के आंदोलन की जीत की घोषणा के तुरंत बाद पिछले एक साल से किसान आंदोलन के केंद्र रहे सिंघू सीमा पर जश्न शुरू हो गया।
इसके अलावा सैकड़ों किसानों ने एसकेएम की घोषणा के बाद अपना सामान, टेंट पैक करना शुरू कर दिया और सीमा पर अपने अस्थायी आश्रयों को हटाना शुरू कर दिया। किसान विजय जुलूस निकालते नजर आए।
किसानों के समूह अपने ट्रैक्टरों पर गाने और संगीत के साथ नाचते और आपस में मिठाई बांटते देखे गए। कुछ दल विजय गीत गाते दिखे तो लोग उन पर फूल बरसा रहे थे।