Friday - 1 November 2024 - 12:18 PM

दिल्ली सीमा पर डटे किसान आज कर सकते हैं घर वापसी

जुबिली न्यूज डेस्क

दिल्ली के सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान आज से घर वापसी कर सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार की शाम एमएसपी, मुआवजा और मुकदमा समेत कई मुद्दों पर किसानों की मांगें माने जाने के बाद यह स्थिति बनी है।

किसान संगठनों की प्रतिनिधि संस्था संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में केंद्र सरकार के नए प्रस्ताव पर राजी होने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही अब 14 महीनों से चला आ रहा किसानों का आंदोलन समाप्त हो सकता है।

सरकार और किसान संगठनों के बीच आखिर कैसे बनी बात

दरअसल किसानों और सरकार के बीच ट्रिपल एम यानी मुकदमा, मुआवजा और एमएसपी को लेकर पेच फंसा हुआ था। एमएसपी के सरकार ने समिति के गठन की बात कही है।

इसके अलावा हरियाणा की खट्टर सरकार ने मुआवजा अधिक देने की बात कही है, जिससे किसान राजी हो गए। मु्ख्य मसला मुकदमों का अटका था, जिसे लेकर सरकार ने तत्काल वापसी की बात कही है और अब किसान संगठन राजी हो गए हैं।

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मुआवजे को लेकर हरियाणा और यूपी सरकार की सैद्धांतिक सहमति से ही बात बन गई। सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिवार को ज्यादा मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन नौकरी के लिए नहीं। इस पर शुरुआती मतभेद के बाद हरियाणा के संगठन राजी हो गए हैं।

MSP पर किसानों ने भी दिखाया लचीला रुख

केंद्र सरकार ने जहां किसानों की कई मांगों को मान लिया है तो वहीं एमएसपी कानून बनाने तक धरना जारी रखने की जिद करने वाले किसान नेताओं ने भी लचीला रुख दिखाया है, जिसके चलते बात बन गई।

कमिटी में किसान प्रतिनिधियों के तौर पर केवल संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को ही शामिल कराने की शर्त किसान नेताओं ने छोड़ दी।

सरकार के वार्ताकारों ने दलील दी गई थी कि बिना पीएम से आदेश लिए इस पर कोई प्रस्ताव नहीं दिया जा सकता क्योंकि कमिटी का ऐलान खुद प्रधानमंत्री ने किया है। पंजाब के ज्यादातर संगठन सरकार के पहले प्रस्ताव पर ही तैयार थे, दूसरे प्रस्ताव को हरियाणा के संगठनों ने स्वीकार कर लिया।

किसान नेताओं ने क्या कहा?

किसान नेता योगेंद्र यादव ने टीवी चैनल एबीपी न्यूज से बातचीत में केंद्र सरकार की सराहना करते हुए कहा कि दूसरे प्रस्ताव में सारी चिंताएं दूर हो गई हैं। सर्वसम्मति से तय हुआ कि सरकार का प्रस्ताव मंजूर है। विश्वास है कि सरकार सारी प्रक्रिया शुरू कर देगी। औपचारिक  चिट्ठी  आने के बाद हम धरना खत्म करने का ऐलान कर देंगे।

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पक्के कागज आ जाएं तो खत्म करें हम धरना-राकेश टिकैत

इस बीच भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की ओर पक्के कागज आ जाएंगे तो फिर हम आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पंच संतुष्ट हैं, तो हम भी राजी हैं। सभी धरनों के समापन के बाद गाजीपुर का धरना खत्म होगा।

बदले तेवर के साथ राकेश टिकैत ने गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई पर कहा कि सरकार की कोई मजबूरी होगी। हम मुद्दा उठाते रहेंगे। राकेश टिकैत ने फिर दोहराया कि राजनीति से वे दूर हैं और दूर ही रहेंगे।

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