जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। केंद्र और किसानों के बीच इस दौर की बैठक में भी कोई हल नहीं निकला है, यानी किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा। पिछली 7 बैठकों की ही तरह इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही।
अब कहा गया है कि 8 जनवरी को एक बार फिर बैठक होगी। जिसमें कृषि कानूनों को लेकर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में किसान नेता अपनी इसी मांग पर अड़े रहे कि तीनों कानूनों को खत्म किया जाना चाहिए।
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने कानूनों को खत्म करने की बात नहीं की और इसी बात को लेकर शाम तक गतिरोध बना रहा। अब अगली बैठक के लिए सरकार को कहा गया है कि तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग खत्म नहीं होगी। साथ ही एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग भी जारी है।
कानून वापसी को लेकर समझौता नहीं
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमें कहीं न कहीं संशोधनों की तरफ खींचना चाहती है, जिसके लिए हम तैयार नहीं हैं। किसान नेता राकेश टकैत ने कहा कि आंदोलन लगातार जारी रहेगा। चारों तरफ किसान बैठे हैं तो सरकार पर दबाव है। 8 जनवरी को इन्हीं मुद्दों पर बातचीत होगी। टिकैत ने बताया कि तीनों कानूनों पर सहमति नहीं बन पाई। किसानों ने एक सुर में कहा कि कानून वापसी को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।
ये भी पढ़े: मुरादनगर की घटना से CM योगी बेहद नाराज
ये भी पढ़े: वैक्सीनेशन गाइडलाइन्स को लेकर बोले Cm योगी, जानिए क्या कहा…
सरकार ने किसानों से मांगा समय
किसान नेताओं ने कहा कि, एमएसपी को लेकर आज बातचीत नहीं हुई। सरकार से ये बातचीत होगी कि वो कैसे कानूनों को वापस लेगी। किसान नेताओं ने बताया, सरकार ने बैठक में कहा कि, कानूनों को रद्द करने के लिए काफी कुछ करना होगा।
ये भी पढ़े: तो अपने ही जाल में फंस गई कंगना…
ये भी पढ़े: अखिलेश का योगी पर तंज कहा-शमशान का BJP से पुराना नाता
इसके लिए थोड़ा और सोच लेते हैं। इसके लिए हमें वक्त चाहिए। सरकार ने कहा कि 8 तारीख को होने वाली बैठक में जरूर आइए।सरकार ने बैठक के दौरान कहा कि कानूनों को फिलहाल छोड़ दें पहले एमएसपी पर बात करें, लेकिन हमने कहा कि अब एमएसपी को लेकर भी 8 जनवरी को ही बात होगी।
कृषि मंत्री बोले- नहीं की कानून वापसी की बात
इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, आज हुई बातचीत में कोई नतीजे पर नहीं पहुंचा गया. किसान कानूनों को रद्द करने पर अड़े रहे. अगली बैठक में उम्मीद है कि सार्थक चर्चा होगी।
सरकार और किसानों की रजामंदी के कारण 8 तारीख की बैठक तय हुई है। जिस हिसाब से चर्चा चल रही है, उसके आधार पर ये कह सकते हैं कि सरकार इसका रास्ता ढूढ़ें और आंदोलन खत्म करने का रास्ता दें।
ये भी पढ़े: चीनी कंपनी को फिर मिला इस प्रोजेक्ट का ठेका
ये भी पढ़े: 40 दिनों में 60 मौतें और प्रधानमंत्री की खामोशी, ये दाग अच्छे नहीं हैं
जब इस तरह के मामले होते हैं तो चर्चा के कई दौर होते हैं। कानूनी पहलुओं को भी ध्यान में रखना होता है. देश में करोड़ों किसानों के लाभ और हित उससे जुड़े हैं। सरकार पूरे देश को ध्यान में रखकर फैसला लेगी।
कानून वापसी को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि चर्चा में ये सब तय होगा। हमने कानून वापसी की बात नहीं कही है। दोनों तरफ से उत्सुकता है कि इसका समाधान निकले।
ये भी पढ़े: डंके की चोट पर : इकाना से सीमान्त गांधी तक जारी है अटल सियासत
ये भी पढ़े: इस बैंक में है खाता तो जान ले कैसे करेंगे व्हाट्सएप बैंकिंग का इस्तेमाल
सरकार ने कानून बनाए हैं तो किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही बनाया है। मोदी जी का नेतृत्व किसानों के प्रति संवेदनशील है. इसीलिए हमारी अपेक्षा है कि यूनियन की तरफ से वो विषय आए, जिस पर परेशानी हो रही है। सरकार उस पर पूरी तरह चर्चा करने को तैयार है।