जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर पिछले 10 दिनों से धरने पर बैठे किसानों का आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आलम तो यह है कि मोदी सरकार इसे किसी तरह से खत्म कराना चाहती है लेकिन अब तक किसानों को मनाने में सरकार नाकाम रही है।
किसानों और सरकारों में कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका नतीजा अब तक कुछ नहीं निकला है। किसानों के साथ केंद्र सरकार की शनिवार को पांचवे दौर की बातचीत में भी कोई समाधान नहीं निकला।
Central Government has said that they will send us a proposal on December 9th. We will discuss it amongst ourselves after which a meeting with them will be held that day: Farmer leaders say after the fifth round of meeting with Central Government concludes#FarmLaws2020 pic.twitter.com/GidiFmEDYX
— ANI (@ANI) December 5, 2020
जानकारी के मुताबिक नौ दिसम्बर को दोनों के बीच फिर बातचीत हो सकती है। 9 दिसंबर दोपहर 12 बजे एक बार फिर किसान यूनियन के पदाधिकारी और सरकार के प्रतिनिधि एक साथ बैठेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बैठक समाप्त होने के बाद किसान नेताओं का कहना है, कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे। हम आपस में इस पर चर्चा करेंगे जिसके बाद उसी दिन उनके साथ बैठक होगी।
दिल्ली: केंद्र सरकार के साथ विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता में मौजूद किसानों ने अपने साथ लाए खाने को बांटकर खाया। pic.twitter.com/aa3xuEwfq9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
बैठक में ये लोग हुए शामिल
सरकार और किसानों के बीच बातचीत दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई। इस बैठक में किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है जबकि सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल थे। किसान किसी तरीके से मान नहीं रहे हैं।
रोज़ाना हम देख रहे हैं कि ये बैठक कर रहे हैं, इतनी सरल मांगे हैं तो रोज़ बैठक करने का क्या मतलब है। जिस प्रकार से आप रोज़ बैठक किए जा रहे हैं उससे आपके नियत पर सवाल खड़ा होता है। अपनी नियत को साफ रखें और देश के किसानों की बात मानें: राघव चड्डा, AAP pic.twitter.com/XWx24dofPJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
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सरकार कृषि कानून को लेकर बदलाव करने के लिए तैयार थी लेकिन किसानों को यह भी मंजूर नहीं है। ऑल इंडिया किसान सभा के बालकरण सिंह बरार ने कहा, कि सरकार ने संशोधन का जो प्रस्ताव रखा था उसको हम नहीं मानेंगे। हम ये तीनों कानून वापस कराएंगे और हमारी आठ मांगे हैं उन्हें पूरा कराएंगे फिर आंदोलन वापस लेंग। ये तीनों कानून खेती को पूजीवादियों को सौंपने की तैयारी है।
बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी डीडीए मैदान में कंपकपाती ठंड के बीच देश के कई राज्यों के किसान डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वे हक मांगने आए हैं, भीख नहीं।
किसानों ने एक स्वर में कहा कि कृषि बिल किसान विरोधी है। पूरे देश का पेट भरने वाला किसान किसान आज इस ठंड में अपनी लड़ाई लडऩे के लिए सड़कों पर उतरा है। हम बिल वापस कराए बिना नहीं लौटेंगे।
किसानों का कहना था कि घर के खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई, बेटी का ब्याह और सब काम के लिए अपनी फसल की बिक्री पर निर्भर हैं, लेकिन इस कानून के बाद हम अपना नियंत्रण खो देंगे।