जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन का आज पांचवां दिन है। नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानो का कहना है कि हम दिल्ली के जंतर मंतर ही जाएंगे न तो बुराड़ी जाएगें और न ही और कहीं।
सिंधु बॉर्डर पर जमे किसानों ने यहां से हटने से इंकार कर दिया हैं। इसके साथ ही किसान संगठन के नेताओं ने देश की राजधानी में प्रवेश के लिए सभी सीमाओं को बंद करने की चेतावनी दी है।
गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाली हाइवे को ब्लॉक करने की चेतावनी से सरकार और दिल्ली पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। सरकार की तरफ से किसानों को एक बार फिर से बातचीत का प्रस्ताव भेजा है।
उधर किसानों ने बुराड़ी आने से मना करने पर देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल बैठक हुई जो करीब 2 घंटे तक चली। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर मौजूद रहे।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने बताया कि दिल्ली आने वाली पांच सड़कों को हम जाम कर देंगे। हम 5 प्वाइंट पर धरना देंगे। लेकिन हम बुराड़ी नहीं आएंगे। वो एक ओपन जेल की तरह है और वहां आंदोलन नहीं हो सकता। हमारे पास पर्याप्त राशन है और 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के 30 किसान संगठनों का फैसला है।
बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की इजाजत मांग रहे हैं।लेकिन केंद्र ने कोरोना गाइडलाइंस का हवाला देते हुए उन्हें प्रदर्शन की इजाजत देने से इनकार कर दिया है।
इससे पहले शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड आकर प्रदर्शन करने की अपील करने को कहा था और उन्हें आश्वासन दिया था कि बुराड़ी ग्राउंड शिफ्ट होने के दूसरे दिन ही भारत सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि किसान नेताओं ने उनकी इस शर्त को नहीं माना।
गौरतलब है कि सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर, उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाली मुख्य स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर भी रविवार को किसान प्रदर्शन कर रहे थे।