जुबिली स्पेशल डेस्क
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 7 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। सरकार किसी तरह से इसका हल चाहती है। इसके लिए सरकार लगातार किसानों से बातचीत कर रही है।
हालांकि मंगलवार को किसान यूनियनों और सरकार के बीच हुई बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। ऐसे में जैसे-जैसे दिन गुजरते जा रहे हैं, किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है।
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सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के बाद अब नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर भी किसान डट गए हैं। चिल्ला बॉर्डर पर हजारों की संख्या में डटे किसानों ने प्रदर्शन किया और मंगलवार शाम से ही लोगों को जाम की परेशानी से जूझना पड़ा।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्र के हालिया कृषि कानूनों का लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच सिंह गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। जानकारी मिल रही है कि किसान संगठन और सरकार की बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाकात करेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह लगातार केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को ‘न्यायपूर्ण’ बताते हुये केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह किसानों की आवाज क्यों नहीं सुन रही है और इस मुद्दे पर उसका हठी रवैया क्यों है?
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दरअसल, पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसान अभी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं और वह दिल्ली में एंट्री चाहते हैं और जंतर-मंतर पर धरना देना चाहते हैं।
करीब 35 किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को बैठक हुई। इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल समेत अन्य नेता शामिल रहे। किसानों को MSP पर प्रेजेंटेशन दी गई, साथ ही मंडी सिस्टम को लेकर जानकारी दी गई।
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हालांकि, किसानों का एक ही सवाल रहा कि क्या सरकार MSP को कानून का हिस्सा बनाएगी। जब बातचीत खत्म हुई तो कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। तीन घंटे की चर्चा के बाद किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा, वहीं सरकार ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है, तीन दिसंबर को फिर से चर्चा होगी।