अन्नदाता किसानों को समर्थ बनाने के लिए एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत फटाफट लोन की सुविधा भी प्रदान कर रही डबल इंजन सरकार
पायलट प्रोजेक्ट के तहत फर्रूखाबाद सुविधा पाने वाला पहला जिला बना, चुनावों के बाद प्रदेश भर में लागू हो सकती है योजना
लखनऊ। डबल इंजन की सरकार अन्नदाता किसानों को समर्थ बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को फर्रूखाबाद में विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत के साथ-साथ एग्री स्टैक योजना के अंतर्गत किसानों को 10 से 15 मिनट में लोन की सुविधा प्रदान करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया।
इस तरह फर्रूखाबाद जनपद किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 10 से 15 मिनट में लोन की सुविधा से जुड़ने वाला देश का पहला जिला बन गया। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में इस योजना के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से फटाफट लोन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत महाराष्ट्र के 20 जिलों के अलावा फर्रूखाबाद का चयन किया गया था।
इसके तहत बिना बैंक जाए और बिना किसी अन्य प्रॉसेस के सीधे ऑनलाइन आवेदन करने के बाद 10 से 15 मिनट में किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोन पाना संभव होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फर्रूखाबाद में कहा था कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर, एग्री स्टैक योजना के अंतर्गत किसानों को 15 मिनट में लोन की सुविधा प्रदान करने के पायलट प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ किया गया है।
यूपी का फर्रुखाबाद जनपद एग्री स्टैक योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए फटाफट लोन की सुविधा से जुड़ने वाला देश का पहला जिला बना है।
दरअसल, एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत किसान रजिस्ट्री तैयार करने के लिए सरकार द्वारा पीएम किसान सैचुरेशन ड्राइव चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत मोबाइल एप के माध्यम से ई केवाइसी करने की व्यवस्था दी गई है।
ड्राइव के अंतर्गत मोबाइल एप के माध्यम से दो महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। पहला भूमि का सत्यापन और दूसरा ई-केवाईसी और आधार हेतु सहमति लिया जाना।
इस कार्य के लिए प्रत्येक गांव के लिए लेखपाल एवं कृषि विभाग के एक-एक कार्मिक की टीम बनाई गई है। फर्रुखाबाद में कुल 23 लाख गाटे उपलब्ध हैं, जिसमें 5 लाख कृषक सम्मिलित हैं।
इन 5 लाख कृषकों के सापेक्ष अब तक लेखपाल के द्वारा लगभग 2.5 लाख कृषकों का भूलेख सत्यापन किया जा चुका है। साथ ही कृषि विभाग के तकनीकी सहायकों द्वारा भी अब तक 1 लाख 90 हजार कृषकों का आनलाइन ई-केवाईसी एवं सहमति प्राप्त किया जा चुका है। इस प्रकार ड्राइव के माध्यम से तैयार हो रहे फार्मर रजिस्ट्री के डाटा का विभिन्न प्रकार से उपयोग संभव हो सकेगा।
15 मिनट में मिल रहा क्रेडिट कार्ड
वर्तमान में भारत सरकार द्वारा विकसित जन समर्थ पोर्टल के माध्यम से कृषक को 15 मिनट में किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जाना संभव हो सका है। यह सभी लाभार्थियों और संबंधित हितधारकों तक पहुंच में आसानी के लिए 13 क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं को एक मंच पर जोड़ता है। इन 13 क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं में किसान क्रेडिट कार्ड भी एक है। पोर्टल सभी लिंक्ड योजनाओं की प्रक्रियाओं और गतिविधियों की संपूर्ण कवरेज सुनिश्चित करता है। पोर्टल विभिन्न केंद्रीय और राज्य क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजनाओं के लिए वन स्टॉप डेस्टिनेशन के रूप में काम करता है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल आवेदकों के लिए बल्कि विभिन्न नोडल एजेंसियों के लिए भी इन योजनाओं के परिचालन पहलुओं को सुविधाजनक बनाता है।