Wednesday - 30 October 2024 - 1:45 AM

किसान आंदोलन का पूरा हुआ एक साल, SMK का पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन

जुबिली न्यूज डेस्क

तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन का आज एक साल पूरा होगा। पिछले साल 26 नवंबर को देश के कई राज्यों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर इकट्ठा हुए थे।

वहीं किसान आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन का एक साल पूरा होने के मौके पर देशभर के विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है।

एसकेएम के आधिकारिक बयान के अनुसार हजारों किसान आज दिल्ली के आसपास विरोध स्थलों पर पहुंचेंगे। एसकेएम ने कहा है कि कर्नाटक में किसानों ने सड़कों पर आने का फैसला लिया है। इसके अलावा रांची और कोलकाता में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

एसकेएम ने अपने बयान में कहा, “कर्नाटक के सभी जिलों में लगभग 25 जगहों पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना है। दो विरोध स्थानों में बैंगलोर के लोग भी चिकबल्लापुर जिले के श्रीरंगपटना और चडालपुरा में वाहनों में रैलियों में शामिल होंगे।”

वहीं तमिलनाडु में, एसकेएम ने ट्रेड यूनियनों के साथ संयुक्त रूप से सभी जिला मुख्यालयों में रैलियों की योजना बनाई है।

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उन्होंने कहा, “चेन्नई में भी विरोध प्रदर्शन और बैठक होगी। रायपुर और रांची जैसे कई राज्यों की राजधानियों में ट्रैक्टर रैलियों की योजना बनाई जा रही है। बंगाल के कोलकाता में, 26 नवंबर को विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पटना में, फार्म यूनियनों और ट्रेड यूनियनों कलेक्ट्रेट तक एक संयुक्त मार्च करेंगे और एक ज्ञापन सौंपेंगे। इस बीच, हजाहजारों किसान ट्रैक्टर और राशन और अन्य आपूर्ति के साथ दिल्ली के आसपास मोर्चा स्थलों पर पहुंच रहे हैं।”

मालूम हो 19 नवंबर को पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की। वहीं बीते बुधवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी कि पीएम के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की औपचारिकता पूरी कर ली है, बावजूद इसके किसानों का विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। किसान संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं।

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इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी के लिए दबाव बनाने को लेकर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। यह मार्च 29 नवंबर को होगा जिसमें 60 ट्रैक्टर राष्ट्रीय राजधानी में संसद पहुंचेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और 23 दिसंबर तक चलने की उम्मीद है।

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