जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने आज किसान आंदोलन को लेकर कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत में आज किसान आंदोलन और सड़क से किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई नहीं हुई। किसानों द्वारा हाईवे जाम पर अदालत ने कहा कि किसानों को विरोध करने का पूरा अधिकार है लेकिन अनिश्चितकाल के लिए सड़क को अवरुद्ध
नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने किसान यूनियनों से सड़क पर विरोध कर रहे किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। अब इस मामले की सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।
मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत के जस्टिस एसके कौल ने कहा कि सड़कें क्लियर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते। आपको आंदोलन करने का अधिकार है, मगर अनिश्चितकाल तक सड़क ब्लॉक नहीं कर सकते। अब कुछ समाधान निकालना होगा। हमें सड़क जाम के मुद्दे से समस्या है।
अदालत में दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि नोएडा से दिल्ली को जोडऩे वाली सड़कें किसान आंदोलन के चलते बंद हैं और इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए इन सड़कों को खोला जाना चाहिए।
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हालांकि, शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार से कहा था कि आखिर अब तक सड़कें बंद क्यों हैं। प्रदर्शन करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन सड़कें ब्लॉक नहीं होनी चाहिए।
मालूम हो कि तीन कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठन और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका हल नहीं निकल पाया है।
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जहां किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं तो वहीं केंद्र सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।