जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ को लेकर बदायूं के दो किसानों ने अपने चार बीघा खेत पर ही दांव लगा दिया है. उत्तर प्रदेश में 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने हैं लेकिन सात मार्च को आख़री चरण के मतदान के खत्म होने के फ़ौरन बाद आये एग्जिट पोल ने राजनीति को गर्म कर दिया है. आरोप प्रत्यारोप की सियासत शुरू हो गई है. लोगों में शर्तें लगने लगी हैं. बदायूं के दो किसानों ने अपने खेत पर ही दांव लगा दिया है.
शेर अली और विजय सिंह में अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ में किसकी सरकार बनेगी इसे लेकर छिड़ी बहस लिखापढ़ी तक पहुँच गई. आपसी बहस से लिखापढ़ी में शर्त लग जाने तक पूरा गाँव इसका गवाह बन गया. अब जब चुनाव परिणाम आने में कुछ घंटे बाकी हैं तब दोनों के बीच लगी शर्त का कागज़ सोशल मीडिया की जागीर बन चुका है.
बदायूं के शेखुपुर गाँव के यह दोनों किसान आपस में दोस्त हैं. विजय बीजेपी का समर्थक है जबकि शेर अली समाजवादी पार्टी का. दोनों के बीच अपनी सरकार बनने के दावे के बीच अचानक से लिखापढ़ी हो गई और दोनों के अंगूठे भी लग गये.
शर्त लग जाने के बाद मामला पंचायत के पास पहुँच गया. पंचायत ने फैसला सुनाया की अगर बीजेपी की सरकार बनी तो शेर अली की चार बीघा ज़मीन पर विजय सिंह एक साल तक खेती करेगा फिर जमीन वापस लौटा देगा. इसी तरह से अगर समाजवादी पार्टी की सरकार बन गई तो विजय सिंह की ज़मीन पर शेर अली साल भर तक काबिज़ रहेगा. पंचायत ने इसकी लिखापढ़ी कराकर गवाहों के दस्तखत भी करा दिए हैं.
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