जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कृषि कानूनों के मामले में न सरकार झुकने को तैयार है न किसान. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बार्डर पर पिछले नौ महीने धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए 25 सितम्बर को भारत बंद का एलान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के सिन्धु बार्डर पर प्रेस कांफ्रेंस कर यह एलान किया है.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आशीष मित्तल ने कहा कि किसान अपने आन्दोलन को और ज्यादा मजबूती भी देंगे और आन्दोलन का विस्तार भी करेंगे. 25 सितम्बर को भारत बंद इसी कड़ी के तहत है. संयुक्त किसान मोर्चा ने यह प्रेस कांफ्रेंस किसानों के अखिल भारतीय सम्मेलन के बाद बुलाई थी. दो दिवसीय इस सम्मेलन में 22 राज्यों के किसानों ने शिरकत की थी. इस सम्मेलन में किसानों के अलावा मजदूरों और आदिवासियों को भी आमंत्रित किया गया था.
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आशीष मित्तल ने कहा कि किसान अब यह बात अच्छी तरह से समझ गया है कि यह सरकार कारपोरेट का फायदा देखकर काम करती है और इसे किसान समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है. किसान पिछले नौ महीने से सड़क पर है और सरकार को इस बात की कोई परवाह ही नहीं है. सरकार ने किसानों के साथ दस दौर की बातचीत की लेकिन कृषि कानूनों को वापस लेने को वह तैयार नहीं हुई. सरकार तो इन कानूनों को किसानों के लिए बहुत अच्छा बता रही है. किसान आरपार की लड़ाई के लिए सड़कों पर है. वह अब आन्दोलन को और धार देने की तैयारी में है.