जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के रीवा जिले के किसान धर्मजय सिंह को बचाया नहीं जा सका. कोरोना ने उनकी जान ले ली. धर्मजय सिंह रीवा के बड़े किसानों में थे. वह आठ महीने तक कोरोना से लड़े. इस दौरान उनके इलाज पर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च हुए. उन्हें देखने के लिए लन्दन से डॉक्टर आते थे. इलाज सही हो और उन्हें बचा लिया जाए इसके लिए परिवार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इलाज के लिए परिवार ने 50 एकड़ ज़मीन भी बेच दी.
धर्मजय सिंह की मध्य प्रदेश में करीब 200 एकड़ ज़मीन पर खेती होती है. वह अप्रैल 2021 में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. मध्य प्रदेश में इलाज से उन्हें कोई ख़ास फायदा नहीं हुआ तो परिवार के लोग उन्हें चेन्नई ले गए. चेन्नई के अपोलो अस्पताल में आठ महीने तक चले इलाज में पैसा पानी की तरह से बहाया गया.
स्ट्राबेरी और गुलाब की खेती के ज़रिये उन्होंने न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि विदेशों तक में नाम कमाया. उन्हें राष्ट्रपति ने पुरस्कृत किया. बेशुमार पैसा उन्होंने खेती के ज़रिये कमाया. मध्य प्रदेश के किसानों में उनका नाम बड़ी इज्जत से लिया जाता था मगर कोरोना के संक्रमण ने उनकी ज़िन्दगी छीन ली.
यह भी पढ़ें : BJP की टेंशन है कि कम ही नहीं हो रही
यह भी पढ़ें : कल्याण सिंह की बहू भी लड़ना चाहती हैं विधानसभा चुनाव
यह भी पढ़ें : क्या कांशीराम का मूवमेंट बसपा से सपा की तरफ ट्रांसफर हो रहा है !
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : … क्योंकि चाणक्य को पता था शिखा का सम्मान