जुबिली न्यूज़ डेस्क
नए कृषि कानून को लेकर करीब तीन महीने से किसान आन्दोलन लगातार जारी है। इस आन्दोलन के बीच बीजेपी के नेता जगह जगह जाकर इस कृषि कानून का फायदा लोगों को बता रही है।ये कार्यक्रम बीजेपी मेगा प्लान के तहत कर रही हैं। इसी मेगा प्लान के तहत केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को बीती शाम उत्तर प्रदेश के शामली में विरोध का सामना करना पड़ा।
यूपी के शामली के भैंसवाल में किसानों को कृषि कानून का फायदा बताने पहुंचे संजीव बालियान सहित कई बीजेपी के नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने उनके खाफिले के आगे ट्रैक्टर सटाकर उन्हें गांव के अंदर जाने से रोक दिया। साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। इस विरोध की वजह से मंत्री का काफिला गांव से वापस लौट गया।
दरअसल बीते दिन शाम को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विधायक उमेश मलिक, राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह सहित कई बीजेपी नेता खाप चौधरियों से मिलने के लिए पहुंचे थे। सबसे पहले वो गांव लिसाढ़ गये जहां पर उन्होंने मलिक गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह से मुलाकात की। यहां भी बीजेपी नेताओं को किसानों का विरोध झेलना पड़ा।
इसके बाद उनका काफिला भैंसवाल गांव पहुंचा, जहां काफिले के आगे ट्रैक्टर सटाकर गांव में घुसने का विरोध किया गया। यही नहीं जब गांव में मंत्री का काफिला जा रहा था तो ग्रामीणों ने जयंत चौधरी जिंदाबाद, किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाकर उनका विरोध किया।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की अगुवाई में बीजेपी नेताओं को खाप चौधरी बाबा संजय कालखड़े, गठवाला खाप के बाबा हरिकिशन, बुडीना खाप चौधरी बाबा सचिन व निर्वाल खाप के चौघरी बाबा धर्मवीर सिंह निर्वाल से मुलाकात करनी थी। लेकिन उनके मिलने से इंकार करने के बाद वो गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए।
किसानों द्वारा किये गये विरोध पर संजीव बालियान ने कहा कि 10 लोगों के बोलने से मैं मुर्दाबाद नहीं हो जाऊंगा। ग्रामीणों का कड़ा विरोध देखते हुए बीजेपी नेताओं का काफिला वापस लौट गया। गौरतलब है कि यह वही गांव है, जहां पर 5 फरवरी को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने महापंचायत की थी।
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इस बीच किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि अब बीजेपी का गांव- गांव में भी विरोध होना शुरू हो गया है। ऐसे में बीजेपी को अब समझ आ जाना चाहिए कि वह कृषि कानूनों में केंद्र सरकार के नेतृत्व में मीटिंग कर जल्द निर्णय लेने का काम करे, वरना गांव में ऐसे ही बीजेपी का विरोध होता रहेगा।