जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 17 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हैं। केंद्र सरकार चाह रही है कि किसान नेताओं से बातचीत कर गतिरोध खत्म किया जाए, लेकिन, किसान नेता तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। अबतक छह दौर की बातचीत हो चुकी है और सब बेनतीजा रही हैं।
शनिवार को किसान नेताओं ने और सख्त तेवर अपनाते हुए 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। लेकिन उससे पहले आज राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे।
दूसरी ओर अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में शनिवार को भारतीय संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिए वहां पहुंचे थे और कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान के झंडे भी देखे गए।
The statue of Mahatma Gandhi at the Mahatma Gandhi Memorial Plaza in front of the Embassy was defaced by Khalistani elements on December 12, 2020: Indian Embassy in Washington DC, US https://t.co/QHGhkV8Agc
— ANI (@ANI) December 12, 2020
भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा कि खालिस्तानियों के इस हरकत के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया है। दूतावास के एक बयान के अनुसार, “महात्मा गांधी मेमोरियल प्लाजा में महात्मा गांधी की प्रतिमा को 12 दिसंबर 2020 को खालिस्तानी तत्वों द्वारा खंडित कर दिया गया। दूतावास गुंडों द्वारा की गई इस शरारती हरकत की कड़ी निंदा करता है।”
बता दें कि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद किसान मान नहीं रहे हैं। शनिवार को वे सरकार पर दबाव की नई रणनीति के साथ उतरे। किसानों ने राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले तमाम हाइवे पर बने टोल प्लाजा पर धावा बोला, लेकिन किसानों ने रास्तों को बंद करने की जगह हाइवे के टोल प्लाजा का शटर गिरा दिया। यानी टोल में गाड़ियों से कलेक्शन नहीं होने दिया।
दिल्ली- हरियाणा- पंजाब- पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शायद ही कोई टोल बूथ ऐसा हो जहां किसानों ने शक्ति-प्रदर्शन ना किया हो। छोटे बड़े किसानों के जत्थों ने टोल बूथ पर कब्जा जमाया और हाईवे को टोल फ्री कर दिया. टोल कर्मचारियों को हाइवे पर टैक्स वसूलने नहीं दिया गया।