- 1981 में लिखे गए उपन्यास “द आईज ऑफ़ डार्कनेस” में आश्चर्यजनक ढंग से 2020 में वायरस फैलने की बात कही गई है
- उपन्यास की कहानी और वुहान में कोरोना वायरस फैलने की घटना में अद्भुत समानता
राजीव ओझा
इस समय पूरी दुनिया में चर्चा सिर्फ कोरोना की हो रही है। कहीं थ्रिलर और कहीं हॉरर मूवी की तरह डरा रहा है कोरोना वायरस। जितने मुंह उतनी बातें। भारत में covid-19 के मामले बढे हैं तो इसको लेकर राजनीति भी गरमा गई है। अफवाह तो यहाँ तक है कि कोरोना और कुछ नहीं बायोलॉजिकल हथियार का हिस्सा है और चीन की लैब से अचानक लीक होकर यह पूरी दुनिया में फ़ैल गया।
एक थ्योरी यह भी है कि वैक्सीन बनाने वाली कुछ मल्टीनेशनल कम्पनियों की लैब में यह वायरस तैयार किया गया लेकिन इसकी वैक्सीन तैयार हो पाती इसके पहले ही अचानक बेकाबू हो कर पूरी दुनिया में फ़ैल गया। लेकिन एक तीसरा एंगल उपन्यास की कहानी वाला भी है और यह कतई अफवाह नहीं है।
सब जानते हैं कि covid-19 सबसे पहले चीन के वुहान शहर में फैला। इसके बाद जो हो रहा है वो सब को पता है। तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान कोरोना ले चुका है। यह कैसा संयोग है कि 1981 में डीन कोन्टज़ के साइंस फिक्शन “द आईज ऑफ़ डार्कनेस” की कहानी बहुत कुछ वुहान में कोरोना फैलने की घटना से मिलती-जुलती है। नतीजा यह हुआ कि 39 वर्ष बाद अचानक इस किताब की मांग बहुत बढ़ गई है और पिछले एक हफ्ते से यह बेस्ट सेलर बनी हुई है। 75 साल के अमेरिकी उपन्यासकार डीन रे कोन्टज़ (जन्म 9 जुलाई, 1945) अमेरिका में रहते हैं। आमतौर पर उनके उपन्यास सस्पेंस और थ्रिलर के रूप में होते हैं लेकिन अक्सर उन्होंने हॉरर, साइंस फिक्शन, विज्ञान कथा और व्यंग्य भी लिखे हैं। “द आईज ऑफ़ डार्कनेस” उपन्यास एक घातक वायरस वुहान-400 के बारे में है।
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उपन्यास में कोन्टज़ का काल्पनिक वायरस वुहान-400 चीन की वुहान अनुसंधान प्रयोगशाला में एक जैविक हथियार के रूप में विकसित किया गया था। यह कैसा इत्तेफाक है कि नव कोरोना वायरस भी पहली बार दिसंबर 2019 में उसी चीनी शहर से उभरा था। लेखक के प्रशंसकों का कहना है कि डीन कोन्टज़ ने 40 साल पहले ही covid-19 के फैलने की भविष्यवाणी कर दी थी।
द आईज ऑफ डार्कनेस में वुहान-400 एक बायोवेपन वायरस है जिसकी मृत्यु दर 12 घंटे के भीतर सौ प्रतिशत है। उपन्यास में कहा गया है कि चीन ने इस बायोवेपन को किसी एक शहर या देश के सफाए के लिए तैयार किया था। उपन्यास के पात्र के अनुसार इसे वुहान-400 इस लिए नाम दिया गया क्योंकि यह वुहान शहर के बाहरी इलाके में RDNA (रेकोम्बिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी) लैब में तैयार किया गया था। RDNA या रेकोम्बिनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी में दो अलग-अलग प्रजातियों के डीएनए अणुओं को पुनर्संयोजित कर नए आनुवंशिक संयोजन या जेनेटिक कॉम्बिनेशन तैयार किये जाते हैं। विज्ञान, चिकित्सा, कृषि और उद्योग के लिए मूल्यवान होते हैं।
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निक हिंटन नाम के व्यक्ति ने सबसे पहले ट्विटर पर उपन्यास ‘द आईज ऑफ़ डार्कनेस’ की स्क्रीनशॉट पोस्ट की थी। उसमें इस बात को उजागर किया गया था कि 1981 में लिखे डीन कोन्ट्ज़ के उपन्यास में कोरोनोवायरस के प्रकोप की भविष्यवाणी की गई थी। इसके बाद उपन्यास की बिक्री अचानक बढ़ गई है। इसके साथ ही कहानी किस्सों और अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है।
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