जुबिली न्यूज डेस्क
गजल गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है. सिंगर लंबी बीमारी से जूझ रहे रहे थे. सिगर की फैमिली ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए उनके निधन की खबर दी है. स्टेटमेंट में लिखा है- ‘बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी के चलते 26 फरवरी 2024 को पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की जानकारी देते हुए दुखी हैं. पंकज किस बीमारी से जूझ रहे थे इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.’
पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया में एक बड़ा नाम थे. उन्हें चिट्ठी आई है गजल से शोहरत मिली. यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म नाम में शामिल थी. पंकज ने कई गजलों को अपनी आवाज दी जिनमें ये दिल्लगी, फिर तेरी कहानी याद आई, चले तो कट ही जाएगा और तेरे बिन शामिल है.
रातोंरात मिली थी शोहरत
पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया में एक बड़ा नाम थे. उन्हें ‘चिट्ठी आई है’ गजल से शोहरत मिली. यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म ‘नाम’ में शामिल थी. पंकज ने कई गजलों को अपनी आवाज दी जिनमें ‘ये दिल्लगी’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’, ‘चले तो कट ही जाएगा’ और ‘तेरे बिन’ शामिल है.
नहीं रहे पंकज उधास
पंकज उधास के पीआर ने बताया कि सिंगर का निधन 26 फरवरी की सुबह करीबन 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ था. लंबे समय से वो बीमार थे. बीते कई दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. सिंगर के निधन की न्यूज पता चलने के बाद म्यूजिक जगत में मातम पसरा हुआ है. पंकज जैसे गजल गायक का यूं दुनिया छोड़ जाना फैंस को गमगीन कर गया है. हर कोई सोशल मीडिया पर नम आंखों से सिंगर को आखिरी श्रद्धांजलि दे रहा है.
शंकर महादेवन ने जताया दुख
पंकज उधास के निधन से सेलेब्स दुखी हैं. सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन सदमे में हैं. उनके मुताबिक, पंकज का जाना म्यूजित जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया है. जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती.
बचपन से शुरू हुआ था म्यूजिकल करियर
पंकज के म्यूजिकल करियर की शुरुआत 6 साल की उम्र से हो गई थी. उनके घर में संगीत का माहौल था. इसी को देखते हुए वो भी संगीत की दुनिया में आए और हमेशा से लिए उसके होकर रह गए थे.