जुबिली न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। पद्मश्री से सम्मानित नृत्य इतिहासकार एवं आलोचक सुनील कोठारी का दिल का दौरा पड़ने से एक अस्पताल में रविवार सुबह निधन हो गया। वह 85 साल के थे। उनके परिवार की मित्र एवं नृत्यांगना विधा लाल ने बताया कि एक महीने पहले वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं था।
उन्होंने बताया कि नृत्य इतिहासकार एशियन गेम्स विलेज में स्थित अपने घर पर थे और स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे लेकिन आज दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। कोठारी का जन्म 20 दिसंबर 1933 को मुंबई में हुआ था और भारतीय नृत्य कलाओं की शिक्षा लेने से पहले वह चार्टर्ड अकाउंटेंट थे।
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कोठारी ने भरतनाट्यम, ओडिसी, छाऊ, कथक समेत अन्य भारतीय नृत्य कलाओं पर 20 से ज्यादा किताबें लिखी हैं। उन्हें 1995 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें गुजरात संगीत नाटक अकादमी ने 2000 में गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया था।
भारत सरकार ने 2001 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था और अमेरिका में 2011 में उन्हें डांस क्रिटिक्स एसोसिएशन, न्यूयॉर्क ने ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया था।
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