जुबिली स्पेशल डेस्क
शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित जसराज का सोमवार को निधन हो गया है। मेवाती घराने के पंडित जसराज 90 साल के थे। उनका निधन अमेरिका के न्यू जर्सी में हुआ है। उनके निधन की सूचना के बाद संगीत जगत में शोक में डूब गई है।
उनके निधन की खबर की पुष्टि पंडित जसराज के परिजनों ने दी है। हालांकि उनकी अंत्येष्टि कहां होगी, इसको लेकर कयासों का दौर जारी है। पीएम कार्यालय और केंद्र सरकार पंडित जसराज का शव भारत लाए जाने के लिए बात कर रही हैं। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है।
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संगीत विभूति व अद्वितीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन से दुख हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित पंडितजी ने आठ दशकों की अपनी संगीत यात्रा में लोगों को भावपूर्ण प्रस्तुतियों से आनंद विभोर किया। उनके परिवार, मित्रगण व संगीत-पारखी लोगों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं!
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 17, 2020
ऐसा रहा है जसराज का सफर
- 28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज का जन्म हुआ था
- उन्होंने शास्त्रीय संगीत को दुनिया में नई पहचान दी है
The unfortunate demise of Pandit Jasraj Ji leaves a deep void in the Indian cultural sphere. Not only were his renditions outstanding, he also made a mark as an exceptional mentor to several other vocalists. Condolences to his family and admirers worldwide. Om Shanti. pic.twitter.com/6bIgIoTOYB
— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2020
80 साल से अधिक समय तक सक्रिय रहे पंडित जसराज ने भारत के साथ ही अमेरिका और कनाडा में भी शास्त्रीय संगीतको आगे बढ़ाया है।
संगीत जगत में उनकी एक अलग पहचान थी।
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इस वजह से अंतरराष्ट्रीय खोलीय संघ ने साल 2006 में खोजे गए हीन ग्रह 2006 वीपी 32 का नाम पंडितजसराज रखा था। पंडित जसराज का संगीत से पुराना रिश्ता रहा है।
दरअसल उनका जन्म ऐसे परिवार में हुआ था जिसकी चार पीढिय़ां संगीत से जुड़ी रहीं। हालांकि पंडित जसराज की आयु जब चार साल की थी तब उनके पिता दुनिया छोड़ चले गए। इसके बाद उनका पालनपोषण बड़े भाई पंडित मणिराम ने किया। उनके निधन से संगीत प्रेमी काफी दुखी है।