जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. सऊदी अरब में एयर कंडीशनर के टेक्नीशियन के तौर पर काम करने वाले भारत के हरीश बंगेरा को उनके नाम पर बनाए गए फर्जी सोशल मीडिया एकाउंट पर मक्का की पवित्र भूमि के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के झूठे इल्जाम में 19 महीने जेल में गुज़ारने पड़े. उनकी पत्नी की पहल पर उडुपी पुलिस और केन्द्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे की कोशिशों से असली अभियुक्त जेल भेजे गए और हरीश को रिहाई मिली. जेल से रिहा होकर हरीश कर्नाटक स्थित उडुपी जिले में अपने घर पहुँच गए हैं.
दरअसल हुआ यूं कि हरीश ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भारत सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के समर्थन में एक पोस्ट साझा की थी. इस पोस्ट को साझा किये जाने से उनसे उनकी कम्पनी नाराज़ हो गई. इसके लिए हरीश ने अपनी कम्पनी से माफी मांगते हुए न सिर्फ वो पोस्ट डिलीट कर दी बल्कि अपना एकाउंट ही बंद कर दिया.
अपना सोशल मीडिया एकाउंट बंद कर हरीश ने अपनी कम्पनी की नाराजगी को तो दूर कर दिया लेकिन सीएए के समर्थन में डाली गई उस पोस्ट से नाराज़ दक्षिण कन्नड़ जिले के दो मुस्लिम भाइयों ने हरीश के नाम से फर्जी फेसबुक एकाउंट खोला और उसमें मक्का की पवित्र भूमि के बारे में आपत्तिजनक बातें लिख दीं. सऊदी अरब की पुलिस ने इस पोस्ट को देखने के बाद दिसम्बर 2019 में हरीश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
पति की गिरफ्तारी से परेशान सुमन ने कर्नाटक पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि किसी ने उनके पति के नाम से फर्जी फेसबुक एकाउंट खोला है और उनके पति इस षड्यंत्र का शिकार होकर सऊदी अरब की जेल में बंद हैं.
कर्नाटक पुलिस ने जांच की तो उसे पता चला कि इस खाते से हरीश का कोई लेना देना ही नहीं है. पुलिस की कोशिशों से फर्जी खाता बनाकर पोस्ट डालने वाले पिछले साल अक्टूबर के महीने में गिरफ्तार हो गए. उडुपी पुलिस ने इस मामले की पूरी जानकारी सऊदी अरब की सरकार को दी. सही जानकारी मिलने के बाद हरीश की रिहाई का रास्ता तैयार हुआ.
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उडुपी पुलिस के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे, पूर्व मंत्री जय प्रकाश हेगड़े, विधायक एच श्रीनिवास शेट्टी और सामजिक कार्यकर्त्ता रवीन्द्रनाथ शानबाग की कोशिशों ने हरीश को रिहा कराकर सुरक्षित उनके घर पहुंचा दिया.