जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले दिनों अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद रंगभेद को लेकर पूरे अमेरिका के साथ दुनिया के कई मुल्कों में आंदोलन हुआ। यूरोप के सभी देशों के साथ-साथ एशियाई देशों में भी रंगभेद के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे।
इसको देखते हुए दुनिया की जानी मानी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वह उन उत्पादों को नहीं बेेचेगी जिनके विज्ञापनों में काले धब्बों को कम करने का दावा किया जाता है। अब ऐसा ही कुछ एफएमसीजी कंपनी HUL (Hindustan Unilever) कुछ करने जा रही है।
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एफएमसीजी कंपनी HUL (Hindustan Unilever) ने अपने ब्रैंड फेयर एंड लवली का नाम बदलने की घोषणा की है। कंपनी अपने ब्रैंड के नाम से फेयर शब्द हटाएगी। कंपनी का कहना है कि कई सालों से कंपनी पर दुराग्रह पैदा करने के आरोप लगते रहे हैं जिसके चलते अब कंपनी ने यह फैसला लिया है। कंपनी का कहना है कि नए नाम के लिए आवेदन किया गया है जिसे अभी स्वीकृति नहीं मिली है।
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हिंदुस्तान युनिलिवर लिमिटेड एक इंग्लैंड की कंपनी यूनीलीवर का एक भाग है, जो भारत में व्यापार करने के लिए यूनीलीवर ने भारत में पंजीकृत कराया। इसका मुख्यालय लंदन, इंग्लैंड में हैं। इसका भारत में मुख्य कार्यालय मुम्बई में है। इसका 67% लाभांश इंग्लैंड में जाता है और बाकी का भारत में कारोबार और बढ़ाने व लाभ को बढ़ाने आदि में खर्च करती है
भारत में इसके कई उत्पाद बिकते हैं। नीलसन नामक एक कंपनी के द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पता चला की हर तीन में से २ भारतीय इस इंग्लैंड की कंपनी का उत्पाद खरीद रहे हैं और इससे इंग्लैंड को बहुत लाभ हो रहा है तथा रुपये की कीमत कम हो रही है। जिससे महँगाई और अधिक बढ़ रही है।
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