न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार की सहमति से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 6 राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति की है। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन व घोसी विधानसभा से छह बार विधायक रहे फागू चौहान बिहार के नये राज्यपाल होंगे।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक फागू चौहान बिहार के नये राज्यपाल होंगे। साथ ही कहा गया है कि पदभार ग्रहण करने के दिन से उनकी नियुक्ति प्रभावी मानी जायेगी। वहीं, बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन को मध्य प्रदेश का नया राज्यपाल बनाया गया है।
71 वर्षीय चौहान को राज्यपाल बनाए जाने का निर्णय चौकाने वाला है। लंबे समय से भाजपा से जुड़े चौहान उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। विधायक के रूप में अभी चौहान का कम से कम तीन साल का कार्यकाल बाकी है।
लेकिन, बिहार जैसे बड़े राज्य में फागू को राज्यपाल के पद पर मनोनयन से भाजपा बिहार में पिछड़े वर्ग की जनता को संदेश देना चाहती है। बिहार में अगले साल चुनाव होने हैं। वहां पिछड़ी जाति में आने वाली लोनिया, नोनिया बिरादरी की बहुलता है। माना जा रहा है कि इस जाति को साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्णय लिया है।
फागू चौहान को सीएम योगी और गृहमंत्री अमित शाह का बहुत करीबी माना जाता है। पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं में इनकी गिनती होती है। पार्टी ने इसी बात का इनाम फागू को दिया है।
बता दें कि फागू चौहान का जन्म आजमगढ़ के शेखपुरा में एक जनवरी, 1948 को हुआ था। उनके पिता का नाम खरपत्तु चौहान था। उनकी पत्नी का नाम मुहारी देवी है। उनके तीन लड़के और चार लड़कियां हैं। पिछड़ी जाति से आनेवाले फागू चौहान वर्ष 1985 में पहली बार दलित किसान मजदूर पार्टी से घोसी विधानसभा से विधायक बने।
इसके बाद वह जनता दल के टिकट पर 1991 में विधायक चुने गये। वर्ष 1996 और 2002 में वह बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में चले गये और बसपा के टिकट पर वर्ष 2007 में घोसी विधानसभा की सीट जीती।
इसके बाद वह वर्ष 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जाति का बीजेपी में बड़ा चेहरा होने के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन भी बनाया गया।