जुबिली न्यूज डेस्क
म्यांमार में फेसबुक ने वहां की सेना और उनके सहयोगियों के अपने प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
फेसबुक ने इसका कारण बताते हुए कहा कि कंपनी ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर म्यांमार की सेना को इजाजत त देना एक काफी जोखिम भरा है।
म्यांमार में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद फेसबुक ने सेना के मुख्य पेज को गाइडलाइन्स के उल्लंघन की वजह से पहले ही प्रतिबंधित किया हुआ है।
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दरअसल म्यांमार की सेना ने साल 2020 में हुए चुनाव में मतदाता धोखाधड़ी के अपने दावे को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया है।
बुधवार को देर रात फेसबुक ने अपने एक बयान में कहा है कि उसने “1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए इस प्रतिबंध की जरूरत” महसूस की है।
म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ होने वाली रैलियों में हुई हिंसा में अब तक कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है।
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फेसबुक ने कहा कि यह प्रतिबंध अनिश्चितकालीन समय तक के लिए है और तत्काल प्रभाव से लागू की गई है।
वहीं आलोचकों का कहना है कि सेना ने ऑनलाइन असंतोष को दबाने के लिए समय-समय पर इंटरनेट को बंद करने और फेसबुक को ब्लॉक करने जैसे कदम उठाए हैं।
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म्यांमार के दूरसंचार कानून के अनुच्छेद 77 के मुताबिक राष्ट्रीय आपातकाल के समय सरकार दूरसंचार के सभी साधन बंद कर सकती है। म्यांमार में फेसबुक इंटरनेट पर संचार का एक प्राथमिक साधन है।