- एमईए ने कहा- 4 अप्रैल को हुई थी पीएम मोदी से ट्रंप की आखिरी बात
- ट्रंप ने शुक्रवार को झूठ बोलकर सबको हैरत में डाल दिया
- भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद को लेकर ट्रंप ने दिया बयान
न्यूज डेस्क
अमरिकी मीडिया अक्सर राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के झूठ को बेनकाब करती रहती है और ट्रंप झूठ बोलने से बाज नहीं आते। एक बार फिर ट्रंप ने झूठ बोलकर पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है। हालांकि उनका झूठ बेनकाब हो गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार तड़के (भारतीय समयानुसार) यह कह कर सभी को हैरत में डाल दिया कि उनकी लद्दाख मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब ट्रंप ने झूठ बोला हो या गुमराह करने वाला दावा किया हो। ट्रंप कई बार झूठ बोल चुके हैं और उन्होंने कई बार गुमराह करने वाले दावे किए हैं। ट्रंप की झूठ की पोल कई बार अमेरिका के ही अखबार ने खोली है। अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने कई बार ट्रंप के झूठ को पकड़ा है।
यह भी पढ़ें : क्या भविष्य में भी मजदूरों के हितों को लेकर राजनेता सक्रिय रहेंगे?
यह भी पढ़ें : कोरोना इफेक्ट : कर्नाटन सरकार के इस फैसले की क्या है वजह ?
यह भी पढ़ें : कामगारों के संकट को अवसर में बदलने की कोशिश में महाराष्ट्र सरकार
जुलाई 2019 में वॉशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया था जिसमें कहा गया था कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद 10 हजार 796 बार झूठ बोल चुके हैं। अपने कार्यकाल के 869 दिन तक ट्रंप ने 10 हजार 796 बार झूठ बोला और गुमराह करने वाले दावे किए। अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने औसतन रोजाना 12 बार झूठ बोले हैं।
हालांकि अबकी ट्रंप के झूठ को बेनकाब एमईए ने किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि पीएम मोदी का चीन से तनाव को लेकर मूड ठीक नहीं है। इसी के साथ उन्होंने भारत-चीन के बीच एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश कर दी। उनके इस बयान के बाद से ये खबरें चलने लगी।
हालांकि, विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी की हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप से कोई बात नहीं हुई है। दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार 4 अप्रैल 2020 को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई के संबंध में बात हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप का यह बयान कि पीएम मोदी का लद्दाख मुद्दे पर मूड ठीक नहीं है, तथ्यों के विपरीत है। इससे पहले बुधवार को भी ट्रंप ने भारत-चीन के बीच मध्यस्थता कराने की पेशकश की थी।
हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि वह चीन से इस मामले में सीधे संपर्क में है और भारत राजनयिक सूत्रों के जरिए मामले को सुलझाने में जुटा है।
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रवासी मजदूरों को मिलेगी राहत?
यह भी पढ़ें : अमेरिका में कोरोना से हुई एक लाख मौत पर ट्रंप ने क्या कहा?
यह भी पढ़ें : रूपाणी सरकार को गुजरात हाईकोर्ट ने क्लीन चिट देने से किया इनकार
गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ऐलान किया कि शुक्रवार तक वह चीन को लेकर कुछ अहम फैसले कर सकते हैं। इसी दौरान उन्होंने भारत-चीन तनाव पर भी बयान दिया।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 1.4 अरब की आबादी वाले दो देशों के बीच तनाव है, दोनों के पास ही काफी ताकतवर सेनाएं हैं। भारत खुश नहीं है और चीन भी खुश नहीं है, लेकिन मैं बता सकता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और चीन के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर उनका मूड बिल्कुल अच्छा नहीं है। ट्रंप ने यह साफ नहीं किया कि उन्होंने मोदी से इस बारे में क्या बात की।
लद्दाख में क्यों आमने-सामने हैं भारत-चीन
पूर्वी लद्दाख की झील पैंगोंग के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के करीब दो हफ्ते बाद चीनी सैनिकों ने अचानक वहां गश्त तेज कर दी है और झील में पहले से ज्यादा तीन गुनी नावें तैनात कर दी हैं। इतना ही नहीं चीनी सैनिक वहां निर्माणाधीन भारतीय सड़क पर भी आपत्ति जता रहे हैं और एक निश्चित बिंदु से आगे बढ़कर गश्त कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उपजा तनाव स्थिति को और खराब कर सकता है। ऐसे में भारत ने भी सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है।