न्यूज डेस्क
जनता की गाढ़ी कमाई किस तरह नेताओं, मत्रियों, विधायकों पर खर्च होता है उसका अंदाजा इस तरह लगाया जा सकता है कि बीते पांच साल में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने केंद्रीय मंत्रियों के बंगलों और कार्यालयों के नवीनीकरण (रेनोवेशन) पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की है।
सीपीडब्ल्यूडी ने यह जानकारी एक आरटीआई में दी है। जवाब में सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि रेनोवेशन पर 93.69 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 8.11 करोड़ रुपये मंत्रियों के बंगलों और कार्यालयों की सजावट (फर्नीशिंग) पर खर्च हुए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीडब्ल्यूडी मरम्मत, रखरखाव और सजावट के लिए अधिकृत एजेंसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 70 मंत्री हैं, जिसमें से 25 कैबिनेट मंत्री, 11 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 34 राज्यमंत्री हैं।
आरटीआई के तहत साल 2014-2015, 2015-2016, 2017-2018 और 2018-2019 के दौरान केंद्रीय मंत्रियों और राज्यमंत्रियों के आवास और कार्यालयों के रेनोवेशन पर हुए खर्च का ब्योरा मांगा गया था। मंत्रियों को आवासों, कार्यालयों पर सालाना दर से हुए खर्च का ब्योरा निम्र है।
2014-2015 में 22.97 करोड़ रुपये
2015-2016 में 24.44 करोड़ रुपये
2016-2017 में 24.29 करोड़ रुपये
2017-2018 में 13.74 करोड़ रुपये
2018-2019 में 16.33 करोड़ रुपये
सीपीडब्ल्यूडी ने दिया सामूहिक आंकड़ा
सीपीडब्ल्यूडी से आरटीआई के तहत अलग-अलग मंत्री के बंगले और कार्यालयों के रेनोवेशन और अन्य कामों के लिए खर्च की गई धनराशि की जानकारी मांगी गई थी लेकिन सीपीडब्ल्यूडी ने अलग-अलग जवाब नहीं दिया। सीपीडब्ल्यूडी ने सामूहिक आंकड़ा उपलब्ध कराया गया।
ये आंकड़े एक अप्रैल 2014 से 28 फरवरी 2019 के बीच के हैं। मोदी सरकार ने 26 मई 2014 को शपथ ली थी। ऐसा संभव है कि इन खर्च का एक छोटा हिस्सा पिछली यूपीए-2 सरकार के आखिरी 56 दिनों में खर्च हुए। हालांकि, लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद से सीपीडब्ल्यूडी ने कोई नया काम नहीं लिया है।